हाल ही में भारत सरकार ने दिवाली के मौके पर पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए की कटौती करने का ऐलान किया। इसके बाद भाजपा शासित राज्यों ने अलग से पेट्रोल-डीजल के दाम पर जनता को छूट दी। लेकिन, विपक्ष के शासन वाले राज्य इससे आनाकानी कर रहे हैं। न तो पश्चिम बंगाल में TMC की ममता बनर्जी ने पेट्रल-डीजल पर टैक्स घटाया और न ही दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की AAP सरकार ने। दिल्ली के बगल में ही नोएडा में पेट्रोल-डीजल सस्ता है।
बता दें कि नोएडा उत्तर प्रदेश में पड़ता है। केंद्र सरकार की छूट के अलावे उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेट्रोल के दाम पर 11.68 रुपए और डीजल के दाम में 12.11 रुपए प्रति लीटर घटाने का निर्णय लिया। बता दें कि नोएडा में पेट्रोल- 95.51 रुपए प्रति लीटर और डीजल 87.01 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। जबकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में अब भी पेट्रोल 103.97 रुपए प्रति लीटर पर ही मिल रहा है तो डीजल 86.67 रुपए प्रति लीटर पर।
दिल्ली-पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग नारायण ने ANI से बात करते हुए बताया है कि हमारी सेल आधी हो गई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली बहुत छोटी जगह है, कोई भी आदमी आसानी से 15 किलोमीटर जाकर गुरुग्राम या नोएडा से तेल भरवा लेगा। उन्होंने बताया कि हमें बहुत भारी नुकसान होना शुरू हो गया है। अनुराग नारायण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से अनुरोध किया कि आप बाकी जगह भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो दिल्ली में सबसे ज़्यादा VAT कम करके दिल्ली का उदाहरण दें।
हम अरविंद केजरीवाल से अनुरोध करना चाहते हैं कि आप बाकी जगह भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं तो दिल्ली में सबसे ज़्यादा VAT कम करके दिल्ली का उदाहरण दें। इससे हमारी सेल दूसरे राज्यों में नहीं जाएगी: अनुराग नारायण, अध्यक्ष, दिल्ली-पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 10, 2021
उन्होंने समझाया कि ऐसा करने से हमारी सेल दूसरे राज्यों में नहीं जाएगी। ये भी ध्यान देने वाली बात है कि हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर VAT घटाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद पेट्रोल वहाँ 12 रुपए सस्ता हो गया है। हरियाणा के गुरुग्राम में पेट्रोल 95.90 रुपये का है। हालाँकि, डीजल पर यह अंतर ज्यादा नहीं है। इस तरह दिल्ली के दोनों तरफ नोएडा या गुरुग्राम में पेट्रोल-डीजल के दाम यहाँ से कम हैं। लोग दिल्ली की जगह वहीं जाकर तेल भरवाना उचित समझ रहे हैं।
दिल्ली की AAP सरकार की बात करें तो शराब लाइसेंस से उम्मीद से ज्यादा आमदनी होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने अभी तक पेट्रोल-डीजल पर वैल्यू एडेड टैक्स कम नहीं किया है। दिल्ली सरकार को प्रतिवर्ष 5500 करोड़ रुपए आमदनी शराब के क्षेत्र से होती है। नई एक्साइज पॉलिसी ने राजस्व में लगभग 40% की वृद्धि की है। दिलचस्प बात यह है कि खुदरा विक्रेता शराब की बिक्री मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे और एमआरपी निर्धारित करने में सरकार का कोई दखल नहीं होगा।