Friday, April 26, 2024
Homeराजनीतिवीर सावरकर को नए संसद भवन में श्रद्धांजलि, PM नरेंद्र मोदी ने कहा -...

वीर सावरकर को नए संसद भवन में श्रद्धांजलि, PM नरेंद्र मोदी ने कहा – उनके त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति की गाथाएँ आज भी देती हैं प्रेरणा

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य शीर्ष नेताओं के साथ वीर सावरकर की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की, और हाथ जोड़ कर उन्हें नमन किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में वीर विनायक दामोदर सावरकर की जयंती पर उनकी तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे। इन बड़े नेताओं के अलावा कई अन्य सांसदों ने भी वीर सावरकर को उनकी जन्म-जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वीर सावरकर का जन्म 28 मई, 1889 को महाराष्ट्र के नासिक स्थित भागपुर में हुआ था।

इस तरह वीर सावरकर के जन्म के 140 वर्ष पूरे हो चुके हैं। ध्यान देने वाली बात है कि रविवार (28 मई, 2023) को ही नए संसद भवन का उद्घाटन भी हुआ है। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच चोल राजदंड ‘सेंगोल’ को तमिल ‘अधीनम’ पुरोहितों की मौजूदगी में इसमें स्थापित किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य शीर्ष नेताओं के साथ वीर सावरकर की तस्वीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की, और हाथ जोड़ कर उन्हें नमन किया।

‘मन की बात’ के 101वें एपिसोड में भी पीएम मोदी ने वीर सावरकर को याद किया और उनके द्वारा किए गए महान कार्यों की चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि वीर सावरकर के त्याग, साहस और संकल्प-शक्ति की गाथाएँ आज भी हमें प्रेरित करती हैं। उन्होंने उस दिन को याद किया, जब वो अंडमान में उस कोठरी में गए थे जहाँ वीर सावरकर को अंग्रेजों ने कालापानी की सज़ा के दौरान डाला था। पीएम मोदी ने कहा कि वीर सावरकर का व्यक्तित्व वीरता और विशालता में समाहित था, उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता रास नहीं आती थी।

बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, स्वतंत्रता आंदोलन के अलावा सामाजिक न्याय और समानता के लिए भी वीर सावरकर ने काफी कुछ किया। बता दें कि ‘हिंदुत्व’ शब्द को जन-जन तक पहुँचाने वाले वीर सावरकर को अंग्रेजों ने आजीवन कारावास की दो-दो सज़ाएँ सुनाई थीं। उन्होंने अपने भाई के साथ मिल कर ‘अभिनव भारत’ सोसाइटी की स्थापना की थी। उनकी पुस्तक ‘1857 का स्वातंत्र्य समर’ को अंग्रेजों ने प्रतिबंधित कर दिया था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: बंगाल में हिंसा के बीच देश भर में दूसरे चरण का मतदान संपन्न, 61%+ वोटिंग, नॉर्थ ईस्ट में सर्वाधिक डाले गए...

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 102 गाँवों में पहली बार लोकसभा के लिए मतदान हुआ।

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’ पर...

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe