प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (जून 28, 2020) को अपने लोकप्रिय रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में भारत-चीन तनाव पर अहम बयान दिया और कोरोना वायरस अनलॉक प्रक्रिया पर लोगों को अहम सलाह दी। उन्होंने कहा कि लद्दाख में भारत की भूमि पर आँख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है, भारत मित्रता निभाना जानता है तो आँख में आँख डालकर देखना और उचित जवाब देना भी जानता है
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वीर सैनिकों ने दिखा दिया है कि वो कभी भी माँ भारती के गौरव पर आँच नहीं आने देंगे। हमारे जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है। उन्होंने आगे सलाह दी कि भारत माता की रक्षा के जिस संकल्प से हमारे जवानों ने बलिदान दिया है, उसी संकल्प को हमें भी जीवन का ध्येय बनाना है, यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज रक्षा क्षेत्र में, तकनीक के क्षेत्र में, भारत आगे बढ़ने का निरंतर प्रयास कर रहा है, भारत आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। साथ ही उन्होंने कोरोना वायरस पर बोलते हुए कहा कि लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक के दौरान बरतनी है, आपकी सतर्कता ही आपको कोरोना से बचाएगी। मानसून पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के एक बड़े हिस्से में अब मानसून पहुँच चुका है, इस बार बारिश को लेकर मौसम विज्ञानी भी बहुत उत्साहित हैं, बहुत उम्मीद जता रहा है, बारिश अच्छी होगी तो हमारे किसानों की फसलें अच्छी होंगी।
I have been seeing that people are writing to me, especially youngsters, about how they are playing traditional indoor games. #MannKiBaat pic.twitter.com/c7z9zPPvsp
— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2020
दिवंगत प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पीएम मोदी ने सलाह दी कि नरसिम्हा राव जी के जन्म शताब्दी वर्ष में आप सभी लोग उनके जीवन और विचारों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जब, हम, पीवी नरसिम्हा राव जी के बारे में बात करते हैं, तो, स्वाभाविक रूप से राजनेता के रूप में उनकी छवि हमारे सामने उभरती है, लेकिन, यह भी सच्चाई है कि वे अनेक भाषाओँ को जानते थे। उन्होंने आगे कहा:
“पीवी नरसिम्हा राव भारतीय एवं विदेशी भाषाएँ बोल लेते थे। वो एक ओर भारतीय मूल्यों में रचे-बसे थे, तो दूसरी ओर, उन्हें पाश्चात्य साहित्य और विज्ञान का भी ज्ञान था। वे भारत के सबसे अनुभवी नेताओं में से एक थे लेकिन उनके जीवन का एक और पहलू भी है, और वो उल्लेखनीय है, हमें जानना भी चाहिए। नरसिम्हा राव अपनी किशोरावस्था में ही स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए थे। जब हैदराबाद के निजाम ने वन्दे मातरम् गाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, तब, उनके ख़िलाफ़ आंदोलन में उन्होंने भी सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था, उस समय, उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी।”
Shri Narasimha Rao JI belonged to a humble background.
— PMO India (@PMOIndia) June 28, 2020
He fought injustice from a very young age.
I hope many more Indians will read more about our former Prime Minister, PV Narasimha Rao Ji. #MannKiBaat pic.twitter.com/FCQfDLH9Od
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे कपूर आग में तपने पर भी अपनी सुगंध नहीं छोड़ता, वैसे ही अच्छे लोग आपदा में भी अपने गुण, अपना स्वभाव नहीं छोड़ते। आज हमारे देश की जो श्रमशक्ति है, जो श्रमिक साथी हैं, वो भी इसका जीता जागता उदाहरण हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि इन दिनों हमारे प्रवासी श्रमिकों की ऐसी कितनी ही कहानियाँ आ रही हैं जो पूरे देश को प्रेरणा दे रही हैं। उन्होंने ऐसे कुछ लोगों की कहानियाँ भी सुनाई।