Friday, November 8, 2024
Homeराजनीति'मेरी दादी फुटबॉल में इटली टीम की प्रशंसक थीं': प्रियंका गाँधी

‘मेरी दादी फुटबॉल में इटली टीम की प्रशंसक थीं’: प्रियंका गाँधी

इस भाषण को कॉन्ग्रेस का चुनावी हथकंडा कहा जा सकता है जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके क्योंकि केरल में बड़ी संख्या में फुटबॉल प्रशंसक हैं।

केरल के एरिकोड में कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने एक रैली को संबोधित करते हुए बताया कि उनकी दादी इंदिरा गाँधी फुटबॉल देखती थीं और 1982 विश्व कप फाइनल में उन्होंने इटली टीम के जीतने की दुआ की थी।

प्रियंका ने यह भी दावा किया कि वो ख़ुद भी फुटबॉल प्रशंसक हैं। प्रियंका इतने पर भी नहीं रुकीं उन्होंने आगे कहा कि उनका पूरा परिवार 1982 का विश्व कप फाइनल देख रहा था, तब उन्होंने अपनी दादी से पूछा कि वह किस टीम का समर्थन कर रही हैं, तब इंदिरा गाँधी ने कहा था कि वो इटली का समर्थन करेंगी। ख़बर के अनुसार, उस समय भारत नहीं खेल रहा था। संयोग से इटली ने पश्चिम जर्मनी को 3-1 से हराकर खेल जीत लिया था।

प्रियंका के भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। इसमें उन्होंने बार-बार फुटबॉल का ज़िक्र करते हुए ‘सॉकर’ शब्द का इस्तेमाल किया जो फुटबॉल प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है।

इस वीडियो में वो बताती हैं कि उनका बेटा और उनका भाई राहुल गाँधी भी फुटबॉल के प्रशंसक हैं। अपने संबोधन में थोड़ा मज़ाकिया होते हुए महिलाओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि वो समझ सकती हैं कि जब एक तरफ फुटबॉल मैच चल रहा हो तो महिलाएँ कैसा अनुभव कर रही होती हैं। इस भाषण को कॉन्ग्रेस का चुनावी हथकंडा कहा जा सकता है जिससे मतदाताओं को लुभाया जा सके क्योंकि केरल में बड़ी संख्या में फुटबॉल प्रशंसक हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -