महाराष्ट्र की सत्ताधारी ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार में फूट अब सतह पर आ गई है। कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ सकती है। शिवसेना के स्थापना दिवस पर पार्टी सुप्रीमो और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो अकेले लड़ने का फैसला करेगा, जनता जूते-चप्पलों से उसकी पिटाई करेगी। इससे गठबंधन में अनबन की आशंका बलवती हो गई है।
पार्टी के 55वें स्थापना दिवस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना काल में हृदयविदारक स्थिति है और लोगों का रोजगार चला गया गया है, उनकी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में कोई अकेले लड़ने की बात करेगा तो जनता उसे जूतों से मारेगी। उद्धव ने कहा कि वो सत्ता में बने रहने के लिए लाचार नहीं हैं। इस मौके पर उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की भी तारीफ़ की।
उन्होंने शनिवार (जून, 2021) को ये बात कही। साथ ही उन्होंने हिंदुत्व और मराठा अस्मिता को पार्टी की प्राथमिकता करार। दिया वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध हिंसा की घटना पर उन्होंने कहा कि शोर करने वालों को शिवसैनिक धमाकेदार जवाब देते हैं। हालाँकि, उन्होंने ये भी कहा कि सड़कों पर ख़ून-खराबा शिवसेना कार्यकर्ताओं की पहचान नहीं है। लेकिन, साथ ही कहा कि एक सच्चा शिवसैनिक अन्याय का सामना करने वालों की मदद के लिए दौड़ता है।
उद्धव ने आगे कहा, “हिंदुत्व किसी का पेटेंट नहीं है। हिंदुत्व हमारी साँस है, इसलिए शिवसेना कार्यकर्ता पहले जय हिंद और उसके बाद जय महाराष्ट्र का नारा लगाते हैं। महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने के बाद कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है, लेकिन मैं डॉक्टर नहीं हूँ। उन्हें वक्त आने पर राजनीतिक दवा दूँगा। सत्ता न मिलने पर कई लोग छटपटा रहे हैं। हमसे पूछा जा रहा है कि एक साल में क्या किया, तो मैं उनसे कहना चाहूँगा कि वो काम देख लें।”
शिवसेनेचा ५५ वा वर्धापन दिन सोहळा #55YearsOfShivSena https://t.co/urnT3suAXI
— Shivsena Communication (@ShivsenaComms) June 19, 2021
वहीं उद्धव ठाकरे के बयान का उनकी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि अकेले चुनाव लड़ने की बात करने वाले लड़ सकते हैं, लेकिन हम क्या चुपचाप बैठ कर देखते रहेंगे? उन्होंने कहा कि शिवसेना ने अपने राजनीतिक बल पर चुनाव लड़े और जीते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद भी गठबंधन हो सकते हैं, लेकिन महाराष्ट्र की साख या शिवसेना के अस्तित्व की बात आएगी तो हम लड़ेंगे।
बता दें कि महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने ऐलान किया था कि राज्य का अगला विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी अकेले ही लड़ेगी। खास बात यह है कि पटोले ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा भी जताई थी। उन्होंने कहा था, ”2024 के चुनाव में कॉन्ग्रेस महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। केवल कॉन्ग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है।” साथ ही अमरावती के कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से पूछा था, ”क्या आप नाना पटोले को 2024 में सीएम नहीं बनाना चाहते हैं?