महाराष्ट्र के पुणे में एक जनसभा के दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने शुक्रवार (3 मई, 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारका दौरे पर सवाल उठाए। बता दें कि पीएम मोदी फरवरी 2024 के अंतिम सप्ताह में द्वारका पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने न सिर्फ द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन किए थे बल्कि समुद्र में डूबी द्वारका नगरी को भी देखा था। उन्होंने इसे एक दिव्य अनुभूति बताते हुए कहा था कि उन्हें एक प्राचीन आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति से जुड़ाव महसूस हुआ।
जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अध्यात्म और भक्ति है, वायनाड के सांसद राहुल गाँधी के लिए वही ड्रामा है। राहुल गाँधी ने पुणे में कहा, “नरेंद्र मोदी कभी पाकिस्तान की बात करेगा, कभी समुंदर के नीचे जाकर ड्रामा करेगा। आपने देखा, पता नहीं देखा या नहीं। वो समुंदर के नीचे जाकर डरा हुआ था, कि कहीं कुछ हो न जाए यहाँ पर। मजाक बना रखा है राजनीति का।” राहुल गाँधी ने देश के प्रधानमंत्री के लिए इस दौरान असभ्य भाषा-शैली का भी परिचय दिया।
Rahul Gandhi yet again displays his disdain for Sanatan.
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) May 3, 2024
Now mocks PM Modi for offering prayers at submerged city of Dvarka.
Why does Hindu hate comes so naturally to them? pic.twitter.com/LR2jvSzUTB
राहुल गाँधी के भाषण का ये अंश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया, जहाँ लोगों ने कहा कि सनातन धर्म के प्रति पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर से अपनी घृणा का प्रदर्शन किया है। पुणे की जनसभा में भी राहुल गाँधी ने संविधान की प्रति दिखाते हुए दावा किया कि मोदी सरकार इसे बदलना चाहती है। उन्होंने एक बार फिर से उद्योगपति गौतम अडानी पर निशाना साधा। उन्होंने इस दौरान महिलाओं के बैंक खाते में 1 लाख रुपए डालने का भी लालच दिया।
बता दें कि प्राचीन द्वारका नगरी के के बारे में मान्यता है कि उसे भगवान श्रीकृष्ण ने देह-त्याग से पहले समुद्र में डुबो दिया था। पुरातत्त्वविदों ने समुद्र में हजारों वर्ष पूर्व शहर के अवशेष भी खोज निकाले हैं। बता दें कि श्रीकृष्ण ने मथुरा छोड़ कर अपनी राजधानी द्वारका बसाई थी, जहाँ अरब सागर और रेवतक पर्वत के कारण उनकी जनता सुरक्षित थी। इसे प्राचीन साहित्य में द्वारावती भी कहा गया है। वर्णन है कि द्वारका समुद्र से घिरी हुई थी। इसका एक अंश ‘भेंट द्वारका’ द्वीप के रूप में आज भी मौजूद है, जहाँ श्रद्धालु दर्शन भी करते हैं।