लोकसभा चुनाव में देश भर में कॉन्ग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी में घमासान मचा हुआ है। चुनाव परिणामों को लेकर शनिवार को दिल्ली में हुई कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। हालाँकि उनके इस्तीफे को नामंजूर कर दिया गया।
Hehehe.. hehehehehe.. hehehehehe…
— Critic Bhakt (@krdatla) May 26, 2019
Gehlot, Kamalnath, Chidu put sons above party… Says Rahul Gandhi with a straight, serious face… in CWC meet. And nobody dared to ask a Question… “What about you?”https://t.co/b85VVvLNKQ
बैठक में राहुल काफी गुस्से में नजर आए। उन्होंने कई वरिष्ठ नेताओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित से ऊपर अपने बेटों का हित रखा। उन्होंने उन पर अपने बेटों को टिकट दिलाने के लिए जोर डालने का आरोप लगाया। राहुल गाँधी ने कहा कि जिन राज्यों में कॉन्ग्रेस की सरकार है वहाँ भी पार्टी का खराब प्रदर्शन रहा। वहाँ के पार्टी नेता भी कॉन्ग्रेस प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके।
जानकारी के मुताबिक,चुनाव में हार की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में राहुल गाँधी नेताओं के पुत्रमोह को लेकर जमकर भड़के। इस दौरान राहुल के निशाने पर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम थे। राहुल ने कहा कि इन वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेताओं ने अपने बेटों को पार्टी हित से ऊपर रखकर उन्हें टिकट देने का जोर लगाया, जबकि वो इस पक्ष में नहीं थे।
दरअसल, इस बैठक में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी बात रखते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस को स्थानीय नेताओं को मजबूत बनाना चाहिए। जिसके बाद राहुल गाँधी ने इन नेताओं को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत ही खराब प्रदर्शन किया है, जबकि कुछ महीने पहले ही वहाँ पर पार्टी की जीत हुई है और कॉन्ग्रेस की सरकार बनी है। राहुल ने कहा कि इन राज्यों के नेता राफेल और चौकीदार चोर है जेसे अहम मुद्दों को लोगों के बीच ले जाने में नाकाम रहे, जिसकी वजह से कॉन्ग्रेस का प्लान फेल हो गया।