3 दिन की रेखा, 2 दिन की कांता, 1 दिन की नरगिस सहित 6 बच्चे कोटा के जेकेलोन अस्पताल में 23 दिसंबर को मर गए। अगले दिन यानी 24 दिसंबर को इसी अस्पताल में 1 दिन के तोली सहित 4 और बच्चों की मौत हो गई। दो दिन में 10 बच्चे और एक महीने में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है। आपके लिए भले ये बच्चे हों, लेकिन राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार के लिए महज नंबर हैं। यकीन नहीं होता तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बातों पर गौर कर लें। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य के हर अस्पताल में रोजाना 3-4 मौतें होती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। लगे हाथ उन्होंने यह भी दावा किया कि इस साल केवल 900 मौतें हुई हैं जो बीते 6 साल में सबसे कम है।
गहलोत ने इतनी असंवेदनशील बात तब कही जब पत्रकारों ने उनसे बच्चों की मौत की जिम्मेदारी को लेकर सवाल किया। उन्होंने कहा, “6 साल में सबसे कम मौतें हुई हैं। एक भी बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन 1500, 1300 मौतें भी बीते सालों के दौरान हुई है। इस साल यह आँकड़ा 900 है। देश और राज्य के हरेक अस्पताल में रोज कुछ मौतें होती ही हैं। कदम उठाए जाएँगे।”
Rajasthan CM on Kota child deaths: This year has least deaths in last 6 yrs. Even 1 child death is unfortunate.But thr hv been 1500,1300 deaths in a year in past,this year figure is 900.There are daily few deaths in every hospital in state&country,nothing new.Action being taken pic.twitter.com/86oSvPsGA3
— ANI (@ANI) December 28, 2019
मुख्यमंत्री गहलोत के मुताबिक उन्होंने इस मामले में जाँच कराई है और एक्शन भी लिया जा रहा है। उनके मुताबिक अपनी सरकार के पिछले टर्म में भी उन्होंने अस्पतालों के ऑपरेशन थिएटर को लंबे अंतराल के बाद अपग्रेड करवाया था। इससे पहले शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर बच्चों की असमय मौत की तरफ मुख्यमंत्री गहलोत का ध्यान खींचा था।
यहाँ बता दें कि मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया को कोटा पहुँचकर हालात देखने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद गालरिया ने वहाँ पहुँचकर जाँच कमेटी के साथ अपनी जाँच शुरू की और निरीक्षण करने के बाद अव्यवस्थाओं के लिए अधीक्षक डॉ. एच एल मीणा को जिम्मेदार मानते हुए पद से हटया गया। अब डॉ. सुरेश दुलारा इस अस्पताल के नए अधीक्षक होंगे।
आज भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी अस्पताल पहुँचकर हालात का जायजा लिया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी के वहाँ न पहुँचने पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि प्रियंका और राहुल गाँधी को कॉन्ग्रेस शासित प्रदेशों में हो रही इस तरह की घटनाएँ नजर नहीं आती।
Rajasthan: BJP delegation, today, visited the hospital in Kota where 10 newborns died in 48 hours. pic.twitter.com/DKmcYEJ71N
— ANI (@ANI) December 28, 2019