राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार चल रही है। जब से यह सरकार बनी है आपसी मतभेद को लेकर ही चर्चा में रहती है। फिलहाल गहलोत कैबिनेट के विस्तार, उसमें सचिन पायलट के समर्थकों को जगह मिलेगी या नहीं मिलेगी, जैसी खबरों को लेकर मीडिया में चर्चा चल रही है। इन चर्चाओं के शोर में जिन जमीनी हकीकतों को दबा दिया जाता है, वह है राजस्थान की ध्वस्त कानून-व्यवस्था और मंत्री-अधिकारियों का मनमाना रवैया।
हालत यह है कि गहलोत सरकार के मंत्री जनता को बेइज्जत करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इसका एक और नमूना बुधवार (10 नवंबर 2021) को देखने को मिला। रह्या के उद्योग विकास मंत्री परसादी लाल मीणा ने एक कार्यक्रम के दौरान मदद माँगने आए वृद्ध को डपटकर भगा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है।
घटना राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट कस्बे की लाडपुरा पंचायत की है। परसादी लाल मीणा एक प्रशासनिक अभियान में शामिल होने आए थे। मंत्री के आगमन का पता चलते ही करनपुरा गाँव के बुजुर्ग मितलाल अपने परिवार के साथ कार्यक्रम में पहुँच गए। उन्होंने मंत्री को बताया कि 2 साल पहले उनका छोटा बेटा बुद्धिप्रकाश काम की तलाश में महाराष्ट्र गया था। उसे वहाँ से आने नहीं दिया जा रहा है। जब भी वह गाँव वापस लौटने की बात करता है तो उसे हत्या की धमकी दी जाती है।
मदद मांगी तो मंत्री परसादी लाल ने डांटकर भगाया:बोले- दो साल से मर गया था क्या? मैं क्या करूं? गेट आउटhttps://t.co/CPTj274SAZ?#rajasthannews #prashashangoankesangabhiyan#parsadilalmeena #ashokgehlotcabinet pic.twitter.com/nUNaumPOEj
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) November 11, 2021
बुजुर्ग ने बताया कि इस संबंध में 10 दिसंबर 2019 को उन्होंने दो लोगों के खिलाफ शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 2 साल के समय की बात सुनते ही गुस्साए मंत्री ने चिल्लाते हुए कहा, “मैं क्या करूँ? क्या पिछले 2 साल से मरे हुए थे? बाहर निकलो।” इसके बाद उन्होंने उसे भगा दिया।
दिव्याँग की बेटी से माँगी अस्मत
अब राज्य के अधिकारियों का भी हाल देख लीजिए। राजस्थान के झुंझुनू में चतुर्थ श्रेणी के एक दिव्यांग कर्मचारी को 27 साल की सेवा पर मिलने वाले चयनित वेतनमान के लाभ के बदले राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उसकी बेटी से अस्मत की माँग की। लाभ देने के एवज में राजस्व अपील अधिकारी के कार्यालय में काम करने वाले सीनियर असिस्टेंट गोपाल जोशी और चिरंजीलाल ने पहले लड़की से घूस माँगी। फिर 20 अक्टूबर को बुलाकर उसके साथ जबरदस्ती की। हद तो तब हो गई जब वहाँ पहुँचे राजस्व अपील अधिकारी ने उल्टे पीड़िता को ही मुँह बंद रखने की धमकी दी और कहा कि किसी से कुछ कहा तो उसके पिता को नौकरी से हटा देंगे।
इस मामले में पीड़िता ने 24 अक्टूबर को मामला दर्ज कराया। इसी तरह पीड़िता ने जयपुर में राजस्व विभाग के कर्मचारी भागीरथ यादव के खिलाफ बगड़ थाने में 23 अक्टूबर को रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा था कि यादव ने काम करने के एवज में उसे मोबाइल नंबर पर कई बार गंदे मैसेज भेजे। शारीरिक संबंध बनाने को कहा।