Sunday, November 17, 2024
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‘हिन्दुआ सूरज का अपमान बर्दाश्त नहीं’: राना अय्यूब को ‘महाराणा’ बताए जाने से क्षत्रिय संगठन नाराज़, कहा – ‘राना’ अरबी/फ़ारसी शब्द

'क्षत्रिय परिषद' ने बताया कि मध्य-पूर्व के मुल्कों में महिलाओं को इस तरह के नाम दिए जाते हैं। वहीं 'राणा' को संगठन ने एक भारतीय मूल का शब्द बताते हुए जानकारी दी कि ये 'रायाण' से सामने आया है, जो संस्कृत में 'राजन्' शब्द के बराबर है। 'राजन्' शब्द का अर्थ है राजा।

तथाकथित पत्रकार राना अय्यूब विवादों में फँसी हुई हैं। हमेशा की तरह मामला यही है कि उन्होंने अपना प्रोपेगंडा फैलाया है। लेकिन, इस बार प्रोपेगंडा भारत के खिलाफ ही नहीं है बल्कि आतंकद का समर्थन करते हुए सऊदी अरब और UAE जैसे देशों के भी खिलाफ है। इस प्रोपेगंडा के कारण राना अय्यूब को इन दोनों अरब देशों से भी जम कर लताड़ पड़ी। 2022 में उन्होंने हज जाने का सपना देखा था, ऐसे में संशय है कि अब ये पूरा हो पाएगा या नहीं। लेकिन हाँ, अब उन्हें ‘महाराणा’ बताए जाने से राजपूत संगठन जरूर आक्रोशित हो गए हैं।

पहले संक्षित में बता दें कि सऊदी अरब, UAE और यमन के बीच चल क्या रहा है। अरब देश के सबसे गरीब देशों में से एक यमन में गृह युद्ध चल रहा है। 2011 में विद्रोह के बाद वहाँ के राष्ट्रपति अली अब्दुल्ला सालेह को इस्तीफा देना पड़ा, जो 34 वर्षों से सत्ता में जमे थे। 2017 में उनका निधन भी हो गए। शिया अल्पसंख्यकों के कट्टर संगठन हूती (अंसार अल्लाह) विद्रोहियों ने नए राष्ट्रपति अब्द्रब्बुह मंसूर हदी की कमजोरी का फायदा उठाते हुए 2015 में राजधानी सना पर कब्ज़ा कर लिया।

सऊदी अरब ने इसके पीछे शिया ईरान का हाथ देखा और 8 सुन्नी अरब मुल्कों ने उसके नेतृत्व में हूतियों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया। हाल ही में अबूधाबी एयरपोर्ट पर किए गए हमले में हूतियों ने दो भारतीय सिखों को मार डाला। लेकिन, राना अय्यूब ने उनका समर्थन किया, जिससे सऊदी अरब और UAE वालों ने उन्हें आतंकियों से भी ज्यादा खतरनाक बताया। राना अय्यूब को इसमें भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोष नजर आ गया। आकार पटेल जैसे राना अय्यूब के समर्थकों ने उन्हें ‘महाराणा’ बता डाला।

नीचे संलग्न किए गए ट्वीट में आप देख सकते हैं कि कैसे राना अय्यूब की तस्वीर पर ‘महाराणा’ लिख कर उनके महिमामंडन की कोशिश की गई है। इस पस प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने समझाया है कि हिन्दुओं (क्षत्रिय) द्वारा लगाया जाने वाला ‘राणा’ अलग है और मुस्लिम जिस ‘राना’ उपनाम का प्रयोग करते हैं, वो अलग है। हिन्दुओं ने इस पर आक्रोश जताते हुए महान महाराणाओं से राना अय्यूब की तुलना पर उन्हें खरी-खरी सुनाई। हालाँकि, वामपंथी और कट्टर इस्लामी कब इससे बाज़ आने वाले हैं।

राना अय्यूब को ‘महाराणा’ बताए जाने पर हिन्दू हुए आक्रोशित

अब राजपूत संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई है। राजपूत संगठन ‘क्षत्रिय परिषद’ ने कहा है कि ‘हिन्दुआ सूरज’ महाराणा प्रताप का जीवन अपनी मातृभूमि के लिए एक ऐसे प्यार और त्याग की गाथा है, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता। संगठन ने इसे भारतीय इतिहास का एक गर्व भरा अध्याय करार देते हुए कहा कि एक गर्वी क्षत्रिय के रूप में उन्होंने न सिर्फ शक्तिशाली मुगलों के अधीन आने से इनकार किया, बल्कि उनका सामना भी किया। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक मातृभूमि के गौरव और महिमा की रक्षा की।

‘क्षत्रिय परिषद’ ने कहा कि महान वीर राजपूत राजा महाराणा प्रताप एक आदर्श राजा थे, जिन्होंने अपनी प्रजा का ऐसे ही ख्याल रखा जैसे कोई पिता अपने पुत्रों का रखता है। संगठन ने कहा कि ये महाराणा की विनम्रता एवं अनुकंपा का भाव और करिश्मा ही था जिसने उन्हें लोगों का इतना प्यारा बना दिया। न सिर्फ आमलोगों, बल्कि जनजातीय समुदायों ने भी उनका नेतृत्व सहज स्वीकार किया। संगठन ने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए, खासकर हम राजपूतों के लिए, महाराणा प्रताप का जीवन साहस, राष्ट्रभक्ति और बलिदान का सर्वोच्च प्रतीक है।

‘क्षत्रिय परिषद’ ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “ये हमारे प्रकाश में आया है कि सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शरारतपूर्ण तरीके से एक मुस्लिम महिला के लिए ‘महाराणा’ शब्द का प्रयोग किया है, जिसके प्रथम उपनाम में ‘राना’ लगा हुआ है। ‘राना’ एक फ़ारसी/अरबी/तुर्किश/कुर्दिश मूल का शब्द है, जिसका अर्थ होता है – आँखों का ध्यान आकर्षित करने वाला, चमकने वाला, मंत्रमुग्ध करने वाला। ये ‘यार्नु’ नामक शब्द से जन्मा है, जिसका अर्थ है किसी को तरस के साथ देखना।”

राजपूत संगठन क्षत्रिय परिषद ने राना अय्यूब को ‘महाराणा’ बताए जाने पर आक्रोश जताते हुए जारी किया बयान

‘क्षत्रिय परिषद’ ने बताया कि मध्य-पूर्व के मुल्कों में महिलाओं को इस तरह के नाम दिए जाते हैं। वहीं ‘राणा’ को संगठन ने एक भारतीय मूल का शब्द बताते हुए जानकारी दी कि ये ‘रायाण’ से सामने आया है, जो संस्कृत में ‘राजन्’ शब्द के बराबर है। ‘राजन्’ शब्द का अर्थ है राजा। संगठन ने आक्रोश जताया कि महाराणा प्रताप जैसी प्रेरणादायक हस्ती के साथ आज के किसी व्यक्ति की तुलना, खासकर उनकी जो देश के खिलाफ प्रोपेगंडा फैलाने में लगे हैं, ये अनादर है और हमें स्वीकार्य नहीं है।

संगठन ने स्पष्ट किया कि हम न सिर्फ मजबूती से इसकी निंदा करते हैं बल्कि भविष्य में इस प्रकार के ऐसे व्यवहार के प्रति चेतावनी भी देते हैं। संगठन ने स्पष्ट किया कि इस तरह की करतूत प्रायश्चित के योग्य भी नहीं है। सोशल मीडिया पर कई अन्य लोगों ने भी राना अय्यूब को ‘राणा’ और ‘राना’ के फर्क को समझाया है। उन्होंने कहा है कि हिन्दुओं से घृणा करने वाले की तुलना एक महान हिन्दू राजा से कैसे हो सकती है? राना अय्यूब अब सऊदी अरब UAE के लोगों के साथ-साथ हिन्दुओं, खासकर राजपूतों का भी निशाना बन रही हैं।

आकार पटेल के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लोगों ने बताया कि ‘ण’ के लिए अंग्रेजी में कोई अलग शब्द नहीं है, इसीलिए ‘राणा’ और ‘राना’ को ‘Rana’ ही लिख दिया जाता है। अर्नब बख्शी नाम के ट्विटर यूजर ने कहा कि राना अय्यूब को ‘महाराणा’ नहीं, ‘महा रोना’ लिखा जाना चाहिए। एक अन्य यूजर ने लिखा कि 2 भारतीय नागरिकों की मौत तो दूर की बात, हजारों भारतीय मर जाएँ फिर भी वो आतंकियों का ही समर्थन करेंगी। लोगों ने इस कृत्य की तुलना ‘कहाँ राजा भोज, कहाँ गंगू तेली’ वाली कहावत से भी की।

बता दें कि अब सऊदी अरब और भारत के लोग मिल कर उन पर निशाना साध रहे हैं। मेजर (रिटायर्ड) माणिक एम जॉली ने लिखा, “राणा अयूब ने एक कूटनीतिक मुद्दे में टाँग अड़ाया, जिस समस्या की उन्हें समझ नहीं थी। ISI ने उनका इस्तेमाल ईरान-पाकिस्तान-तुर्की के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए किया, ताकि वो सऊदी अरब-अमेरिका और आंशिक रूप से इजरायल पर भी निशाना साध सकें। ये रोजमर्रा के घृणा फैलाने से कहीं अधिक बढ़ कर है। ये एक बड़ा लीग हैं।” सऊदी वाले कह रहे कि मुस्लिम होने की वजह से काबा राना अयूब का नहीं हो जाता।

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अनुपम कुमार सिंह
अनुपम कुमार सिंहhttp://anupamkrsin.wordpress.com
भारत की सनातन परंपरा के पुनर्जागरण के अभियान में 'गिलहरी योगदान' दे रहा एक छोटा सा सिपाही, जिसे भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति और सिनेमा की समझ है। पढ़ाई कम्प्यूटर साइंस से हुई, लेकिन यात्रा मीडिया की चल रही है। अपने लेखों के जरिए समसामयिक विषयों के विश्लेषण के साथ-साथ वो चीजें आपके समक्ष लाने का प्रयास करता हूँ, जिन पर मुख्यधारा की मीडिया का एक बड़ा वर्ग पर्दा डालने की कोशिश में लगा रहता है।

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