जमीन कब्जाने के 23 से अधिक मामलों में फँसे समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम खान को रामपुर प्रशासन ने भू-माफिया घोषित कर दिया है। साथ ही उनका नाम राज्य सरकार के एंटी-भू माफिया पोर्टल पर भी सूचिबद्ध कर दिया गया है।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के मुताबिक भू-माफिया उन्हें घोषित किया जाता है जो दंबगई से जमीनों पर कब्जा करने के आदी हों, जो अवैध कब्जा छोड़ने के लिए तैयार न हों, और जिनके नाम अवैध तरीके से जमीन हथियाने संबंधी मामले के मद्देनजर पुलिस केस में दर्ज हो। ऐसे लोगों का नाम उत्तर प्रदेश एंटी भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज कराया जाता है और सरकार इनकी निगरानी करती है। इस पोर्टल की शुरुआत 2017 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी ताकि भू-माफियों की पहचान हो सके।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद आजम खान को रामपुर में भू-माफिया घोषित किया गया है. जौहर विश्वविद्यालय के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप में फंसे आजम खान को प्रशासन ने भूमाफिया घोषित कर दिया है.https://t.co/E2XReDT1yT
— UP Tak (@UPTakOfficial) July 19, 2019
खबरों की मानें तो उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी का कहना है कि आजम खान का नाम भू-माफिया पोर्टल पर दर्ज करवा दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई नियमानुसार होगी।
रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा के कल (जुलाई 18, 2019) दिए बयान के मुताबिक आज की तारीख़ में आजम खान के ऊपर जमीन कब्जाने के मामले में 23 प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। जिनमें किसानों ने उन पर उन्हें धमकाने और अवैध रूप से जमीन जब्त करने का आरोप लगाया है। इसकी जाँच के लिए टीम का गठन हो चुका है
Ajay Pal Sharma,SP Rampur: Till date 23 FIRs have been registered against SP MP Azam Khan in connection with land encroachment. As per the complaints filed by farmers police officials used to threaten them &grab the land illegally.A team has been formed to investigate the matter. pic.twitter.com/IRWHu1aBU6
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019
बता दें कि आजम खान और उनके साथी आलेहसन पर आलियागंज के 26 किसानों की जमीन हड़पने का आरोप है। इन सभी किसानों ने जिलाधिकारी को शपथ-पत्र लिखकर शिकायत की थी कि उनकी जमीनों को आजम खान ने जबरन हथिया कर जौहर यूनिवर्सिटी में मिला दिया। जब किसानों ने इसका विरोध किया तो उनके साथी तत्कालीन सीओ सिटी आलेहसन ने उन्हें डराया धमकाया और हवालात में न केवल बंद किया बल्कि झूठे आरोप में जेल भेजने की धमकी दी। जिस कारण ये लोग आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।