Saturday, July 27, 2024
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पूर्व CJI रंजन गोगोई बन गए राज्य सभा सांसद, शपथ ग्रहण के दौरान विपक्ष ने मचाया हंगामा

गोगोई जैसे ही शपथ लेने निर्धारित स्थान पर पहुँचे, वहाँ विपक्षी सदस्यों ने उन्हें देखकर हल्ला करना शुरू कर दिया और शेम-शेम के नारे लगाए। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी किया। अंतत: भारी विरोध के बीच रंजन गोगोई ने सांसद की शपथ ले ही ली।

भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के बीच गुरुवार (मार्च 19, 2020) को राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ग्रहण ले ली है। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर गोगोई जैसे ही शपथ लेने निर्धारित स्थान पर पहुँचे, वहाँ विपक्षी सदस्यों ने उन्हें देखकर हल्ला करना शुरू कर दिया और शेम-शेम के नारे लगाए। इस दौरान विपक्ष ने सदन से वॉक आउट भी किया। लेकिन अंतत: भारी विरोध के बीच रंजन गोगोई ने सांसद की शपथ ले ही ली।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सरकार की अनुशंसा पर सोमवार को पूर्व सीजेआई गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। जिसके बाद विपक्ष उन पर काफी हमलावर रहा और आज उनके शपथ के दौरान जोर-जोर से हल्ला मचाकर सदन से वॉक आउट कर गया।

गोगोई के शपथ लेने और विपक्ष के वॉक आउट पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्यसभा में पूर्व सीजेआई सहित विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के आने की एक महान परंपरा है। गोगोई जिन्होंने आज शपथ ली है वह निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे। विपक्ष का वॉक आउट करना घोर अनुचित था।

वहीं, राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने भी विपक्ष के इस रवैये को देखकर कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है।

बता दें कि रंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं। उन्होंने सीजेआई का पद 3 अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला। इस बीच उन्होंने राम जन्मभूमि जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए। मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्व CJI का जन्म 18 नवंबर, 1954 को असम में हुआ। उन्होंने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। इसके बाद जस्टिस गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे और बाद में मुख्य न्यायाधीश भी बन कई मामलों की सुनवाई को लेकर चर्चा में रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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