प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (27 दिसंबर, 2021) को अपने मंडी दौरे के दौरान हिमाचल प्रदेश को 11,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात दी। इनमें 7000 करोड़ रुपए की रेणुका बाँध परियोजना के अलावा 1800 करोड़ की 210 मेगावाट से ज्यादा की लुहरी स्टेज-1 पनबिजली परियोजना की भी आधारशिला रखी। शिमला में पब्बर नदी पर बनी 111 मेगावाट की सावड़ा कुड्डू पनबिजली परियोजना का भी लोकार्पण हुआ। 700 करोड़ रुपये की 66 मेगावाट की धौलासिद्ध पनबिजली परियोजना का भी उद्घाटन हुआ।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी परिश्रमी टीम ने हिमाचल वासियों के सपनों को पूरा करने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि इन 4 वर्षों में 2 साल हमने मजबूती से कोरोना से भी लड़ाई लड़ी है और विकास के कार्यों को भी रुकने नहीं दिया। पीएम मोदी ने बताया कि गिरी नदी पर बन रही श्री रेणुकाजी बाँध परियोजना जब पूरी हो जाएगी तो एक बड़े क्षेत्र को इससे सीधा लाभ होगा और इस प्रोजेक्ट से जो भी आय होगी, उसका भी एक बड़ा हिस्सा यहीं के विकास पर खर्च होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरा विश्व भारत की इस बात की प्रशंसा कर रहा है कि हमारा देश किस तरह पर्यावरण को बचाते हुए विकास को गति दे रहा है। उन्होंने कहा कि सोलर पावर से लेकर हाइड्रो पावर तक और पवन ऊर्जा से लेकर ग्रीन हाइड्रोजन तक देश रिन्यूएबल एनर्जी के हर संसाधन को पूरी तरह इस्तेमाल करने के लिए निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि भारत ने 2016 में ये लक्ष्य रखा था कि वो साल 2030 तक, अपनी ‘इंस्टॉल्ड इलेक्ट्रिसिटी कैपिसिटी’ का 40% नॉन-फॉसिल एनर्जी सोर्सेज से पूरा करेगा।
उन्होंने जानकारी दी कि आज हर भारतीय को इसका गर्व होगा कि भारत ने अपना ये लक्ष्य, इस साल नवंबर में ही प्राप्त कर लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ों को प्लास्टिक की वजह से जो नुकसान हो रहा है, हमारी सरकार उसे लेकर भी सतर्क है। उन्होंने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान के साथ ही केंद्र सरकार प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने ध्यान दिलाया कि हिमाचल प्रदेश को स्वच्छ रखने में प्लास्टिक और अन्य कचरे से मुक्त रखने में पर्यटकों का भी दायित्व बहुत बड़ा है।
उन्होंने कहा, “इधर उधर फैला प्लास्टिक, नदियों में जाता प्लास्टिक, हिमाचल को जो नुकसान पहुँचा रहा है, उसे रोकने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। भारत को आज ‘फार्मेसी ऑफ द वर्ल्ड’ कहा जाता है तो इसके पीछे हिमाचल प्रदेश की बहुत बड़ी ताकत है। कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान हिमाचल प्रदेश ने ना सिर्फ दूसरे राज्यों, बल्कि दूसरे देशों की भी मदद की है। हिमाचल प्रदेश ने अपनी पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन देने में बाकी सबसे बाजी मार ली। यहाँ जो सरकार में हैं, वो राजनीतिक स्वार्थ में डूबे नहीं बल्कि उन्होंने पूरा ध्यान, हिमाचल के एक-एक नागरिक को वैक्सीन कैसे मिले, इसमें लगाया है।”
पीएम मोदी ने इस दौरान जनता को बताया कि केंद्र सरकार ने तय किया है कि बेटियों की शादी की उम्र भी वही होनी चाहिए, जिस उम्र में बेटों को शादी की इजाजत मिलती है। उन्होंने कहा कि बेटियों की शादी की उम्र 21 साल होने से, उन्हें पढ़ने के लिए पूरा समय भी मिलेगा और वो अपना करियर भी बना पाएँगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ सतर्कता के साथ आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है और अब तय किया गया है कि 15 से 18 साल के बीच के बच्चों को भी 3 जनवरी, 2021 (सोमवार) से वैक्सीन लगाना शुरू हो जाएगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जो हेल्थ सेक्टर के लोग हैं, फ्रंटलाइन वर्कर हैं, वो पिछले दो साल से कोरोना से लड़ाई में देश की ताकत बने हुए हैं, इन्हें भी 10 जनवरी से प्रिकॉशन डोज देने का काम शुरू होगा। उन्होंने दोहराया कि 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियाँ हैं, उन्हें भी डॉक्टरों की सलाह पर प्रिकॉशन डोज का विकल्प दिया गया है। बकौल पीएम मोदी, हर देश में अलग-अलग विचारधाराएँ होती हैं, लेकिन आज हमारे देश के लोग स्पष्ट तौर पर दो विचारधाराओं को देख रहे हैं – एक विचारधारा विलंब की है और दूसरी विकास की।
साथ ही उन्होंने कहा कि विलंब की विचारधारा वालों ने पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की कभी परवाह नहीं की। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि विलंब की विचारधारा वालों ने हिमाचल प्रदेश के लोगों को दशकों का इंतजार करवाया, जिस वजह से अटल टनल के काम में बरसों का विलंब हुआ और रेणुका जी परियोजना में भी तीन दशकों का विलंब हुआ। उन्होंने आश्वस्त किया कि हमारा कमिटमेंट सिर्फ और सिर्फ विकास के लिए है और हमने न सिर्फ अटल टनल का काम पूरा करवाया, बल्कि चंडीगढ़ से मनाली और शिमला को जोड़ने वाली सड़क का चौड़ीकरण किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, यहाँ के घर-घर में देश की रक्षा करने वाले वीर बेटे-बेटियाँ हैं। हमारी सरकार ने बीते सात वर्षों में देश की सुरक्षा बढ़ाने के लिए जो काम किए हैं, फौजियों, पूर्व फौजियों के लिए जो निर्णय लिए हैं, उसका भी बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के लोगों को हुआ है।” इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर ने भी जानकारी दी कि मंडी को छोटी काशी भी कहते है, क्योंकि यहाँ 300 से अधिक प्राचीन मंदिर हैं। उन्होंने जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार भी उत्तर प्रदेश की काशी के तर्ज पर मंडी को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं।