OpIndia is hiring! click to know more
Sunday, April 13, 2025
Homeराजनीतिवाराणसी में मोदी के ख़िलाफ़ कौन? 6 महीने जेल की सजा काट 'काला इतिहास'...

वाराणसी में मोदी के ख़िलाफ़ कौन? 6 महीने जेल की सजा काट ‘काला इतिहास’ रचने वाला HC जज कर्णन

जस्टिस कर्णन ने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना का मुक़दमा शुरू किया था।

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ रिटायर्ड जस्टिस सीएस कर्णन ने नामांकन दाखिल करने का निर्णय लिया है। मद्रास और कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश रह चुके कर्णन पहले ऐसे जज थे, जिन्हें पद पर रहते हुए अदालत की अवमानना का दोषी पाया गया था। जस्टिस कर्णन पहले ही मध्य चेन्नई लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल कर चुके हैं और वाराणसी दूसरा ऐसा क्षेत्र होगा जहाँ से वह चुनाव लड़ेंगे। कर्णन ने 2018 में एंटी-करप्शन डाइनेमिक पार्टी का गठन किया था। वो इसी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे। जून 2017 में रिटायर हुए कर्णन को 6 महीने जेल में गुज़ारने पड़े थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली बार वाराणसी से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी। 2014 के आम चुनाव में पीएम मोदी सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवार थे। कुल मतों का 56% से भी अधिक प्राप्त करने वाले मोदी को उस चुनाव में वाराणसी से 5,81,122 मत मिले थे जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी अरविन्द केजरीवाल 2,09,238 मतों दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें कुल मतों का 20.3% हिस्सा प्राप्त हुआ था। इस तरह नरेंद्र मोदी ने रिकॉर्ड 3,71,884 मतों से जीत दर्ज की। मोदी ने केजरीवाल को 36% मतों से हराया था।

अगर जस्टिस कर्णन की बात करें तो उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के कई जजों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच ने इस सिलसिले में जस्टिस कर्णन की लिखी चिट्ठियों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना का मुक़दमा शुरू किया था। जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए कहा था:

“8 फरवरी 2018 से ही ये सात जज (जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे) मुझे कोई भी न्यायिक और प्रशासनिक कार्य नहीं करने दे रहे हैं। इन लोगों ने मुझे परेशान कर दिया है और मेरा सामान्य जीवन खराब कर दिया है। इसलिए, मैं सभी सात न्यायाधीशों से मुआवजे के रूप में 14 करोड़ रुपये लेना चाहता हूँ।

तेज बहादुर यादव भी मोदी के ख़िलाफ़ मैदान में

वाराणसी में चुनाव प्रचार करते तेज बहादुर यादव

उधर बीएसएफ से बरख़ास्त तेज बहादुर यादव भी वाराणसी से मोदी के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे हैं। जिन्होंने बीएसएफ में रहते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बनाकर जवानों को दिए जाने वाली भोजन की गुणवत्ता को ख़राब बताया था। कुछ दिनों पहले उनके बेटे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। तेज बहादुर ने कहा कि क़रीब दस हज़ार पूर्व सैनिक वाराणसी आकर ‘नकली चौकीदार के ख़िलाफ़ घर-घर में प्रचार करेंगे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। तेज बहादुर को अनुशासनहीनता का दोषी पाते हुए बीएसएफ से बरख़ास्त कर दिया गया था।

OpIndia is hiring! click to know more
Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

देवी-देवताओं की मूर्तियाँ गढ़ते थे हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन, काट डाला: BJP ने शेयर किया Video, मुर्शिदाबाद में मुस्लिम भीड़ का खून-खराबा

मुर्शिदाबाद हिंसा में हिंदुओं को खास तौर पर निशाना बनाया गया। उनके घर, दुकानें, गाड़ियाँ और यहाँ तक कि मंदिर भी नहीं बख्शे गए।

क्या पश्चिम बंगाल में नहीं लागू होगा वक्फ कानून, जानिए क्या कहता है संविधान: ममता बनर्जी को भाजपा क्यों बता रही ‘झूठा’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वह राज्य में नए वक्फ कानून को लागू नहीं करेंगी।
- विज्ञापन -