Sunday, November 17, 2024
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गुलाम अली को ‘गुलाम नबी’ समझ बैठीं ‘2 BHK पत्रकार’, कॉन्ग्रेसी नेता भी कन्फ्यूज: लोगों ने लताड़ा, अब दोनों के ट्वीट डिलीट

वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह के इस ट्वीट पर बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने चुटकी लेते हुए कहा "2BHK पत्रकार गुलाम अली को गुलाम नबी आजाद समझ लेते हैं।"

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) द्वारा शनिवार (10 सितंबर 2022) को जम्मू-कश्मीर के गुर्जर मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले गुलाम अली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने के बाद कॉन्ग्रेसी नेता और वामपंथी पत्रकार कन्फ्यूज हो गए। उन्हें लगा कि ये गुलाम अली कोई और नहीं बल्कि कॉन्ग्रेस छोड़ने वाले गुलाम नबी आजाद हैं। इसी कन्फ्यूजन में उन्होंने अपने ट्वीट भी किए और अपनी फजीहत भी करवाई।

जैसे मीडिया गिरोह की पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी गुलाम अली को, गुलाम नबी आजाद समझ लिया और उन पर आरोप लगाते हुए कहा, इस्तीफा देने से लेकर अब तक जो भी हुआ है यह सब दिल्ली में बंगला हासिल करने के लिए था। रोहिणी सिंह ने ट्वीट किया, “जाहिर तौर पर यह नाटक और छोटे-मोटे नखरे इसके लिए ही थे। क्लासिक लुटियंस दिल्ली के बीचों-बीच एक बंगले के बिना एक दिन भी नहीं रह सकते हैं।”

रोहिणी सिंह के इस ट्वीट से साफ पता चल रहा है कि उन्होंने अपनी कुंठा निकालने की हड़बड़ी में तथ्य नहीं जाँचे। उनके ट्वीट के बाद यूजर्स उनका मजाक उड़ाने लगे। उन्हें बताया गया कि वो गुलाम नबी नहीं, गुलाम अली हैं। बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने चुटकी लेते हुए कहा “2BHK पत्रकार गुलाम अली को गुलाम नबी आजाद समझ लेते हैं।”

कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन का ट्वीट

इसी तरह कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन ने भी इस संबंध में ट्वीट किया और गुलाम अली को गुलाम नबी कहते हुए लिखा कि अब समझ आ गया है कि उनका इस्तीफा किसने लिखा था।

अजय माकन ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आखिर खबर आ ही गई है आजाद साहब, राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत। तो अब यह तय हो ही गया कि गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा किसने लिखा था। आजाद साहब के समर्थक एवं उनके साथ संपर्क रखने वाले भी संज्ञान लें कि डोर किसी और के हाथों में है। जो न समझे वो अनाड़ी है।”

अजय माकन के इस ट्वीट पर बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने फिर जवाब दिया। नाखुआ ने कॉन्ग्रेस नेताओं को पप्पू का पपलू बताते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस नेताओं का आईक्यू लेवल 2BHK पत्रकारों के जैसा है।

सुरेश नाखुआ ने ट्वीट किया “कॉन्ग्रेस नेताओं उर्फ पप्पू का पपलू का आईक्यू लेवल 2BHK पत्रकारों से मेल खाता है।”

हालाँकि, सुरेश नाखुआ के जवाब देने के बाद 2BHK पत्रकार रोहिणी सिंह और कॉन्ग्रेस नेता अजय माकन दोनों ने ही अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। अब लोग दोनों के ट्वीट के स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए इन्हें लताड़ लगा रहे हैं और समझा रहे हैं कि नतीजों पर इतनी जल्दी नहीं पहुँचना चाहिए।

गुलाम नबी आजाद से क्यों चिढ़ी है कॉन्ग्रेस?

बता दें, गत माह गुलाम नबी आजाद ने कॉन्ग्रेस को अनपढ़ों की जमात बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। साथ ही उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाने का भी ऐलान किया था। हालाँकि, उनकी पार्टी का नाम और चिन्ह क्या होगा यह अब तक सामने नहीं आया है। लेकिन, उनके पार्टी से इस्तीफा देने के बाद जिस तरह से कॉन्ग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं और कई बड़े नेताओं ने उनके समर्थन के लिए कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दिया है। उससे, यह स्पष्ट है कि देशभर में कमजोर हो चुकी कॉन्ग्रेस को गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद बड़ा झटका लगा है। इसी क्रम में उनके इस्तीफे के बाद कई कॉन्ग्रेसी नेताओं और प्रवक्ताओं ने उन पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।

रोहिणी सिंह को क्या 2BHK पत्रकार कहते हैं?

बता दें, रोहिणी सिंह विवादों में इसलिए रहती हैं क्योंकि साल 2010 में, कॉन्ग्रेस के शासनकाल के दौरान, एक घोटाला सामने आया था जिसमें पत्रकार बरखा दत्त और एमके वेणु (जो द वायर के संस्थापक संपादक हैं, जहाँ अब रोहिणी सिंह काम करती हैं) कॉर्पोरेट लॉबिइंग नीरा राडिया के साथ सम्पर्क थे। एमके वेणु को कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया से अनुरोध करते हुए सुना गया था कि वो रोहिणी सिंह को अपने (लॉबीस्ट के) सर्कल (राजनेताओं, व्यापारियों, लॉबिस्टों आदि) में इंट्रोड्यूज़ करें। यही नहीं, नीरा राडिया के बारे में पता चला था कि वो यूपीए सरकार से अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए अनुकूल सौदे करने के लिए पत्रकारों का इस्तेमाल कर रही थीं।

रोहिणी सिंह वर्तमान में द वायर में ही काम कर रही हैं। उनको 2BHK पत्रकार इसलिए कहा जाता है क्योंकि उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले, यह अफ़वाह थी कि रोहिणी सिंह को समाजवादी पार्टी द्वारा 2BHK अपार्टमेंट प्राप्त हुआ था। इस तरह की अफ़वाह इसलिए उड़ी थी क्योंकि रोहिणी सिंह ने अपने लेख में ऐसा ज़िक्र किया था कि आने वाले समय में प्रदेश में समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी। इसके बाद, चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, वह अचानक गायब हो गई थीं और महीनों तक सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी थी। हालाँकि, ये आरोप केवल आरोप ही बने रहे और इन आरोपों को पुष्टि करने का कोई सबूत अभी तक सामने नहीं आया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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