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Saturday, April 12, 2025
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‘वायर’ की वामपंथन रोहिणी सिंह को पत्रकार दीपक चौरसिया का ‘तीन बेडरूम’ वाला जवाब

"मैंने एक ग़रीब पृष्ठभूमि से आकर अपने दम पर पत्रकारिता की। मेरा कसूर सिर्फ़ इतना है कि मैं आप की तरह डिजाइनर पत्रकार नहीं हूँ! मेरा वित्त मंत्रालय में परिचय नीरा राडिया ने नहीं कराया! ना ही मैंने आज तक किसी सरकार से 3BHK फ़्लैट लेकर खबरें लिखी है!"

दिल्ली के शाहीन बाग इलाक़े में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ हो रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुछ गुंडों ने शुक्रवार (24 जनवरी) को न्यूज़ नेशन के कंसल्टिंग एडिटर दीपक चौरसिया पर हमला कर दिया था। इस हमले के बारे में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था। इसमें उन्होंने बताया था, “हम सुन रहे हैं कि संविधान ख़तरे में है, हम सुन रहे हैं कि लड़ाई लोकतंत्र को बचाने के लिए है! जब मैं शाहीन बाग की उसी आवाज़ को देश को दिखाने के लिए पहुँचा, तो वहाँ मॉब लिंचिंग से कम कुछ नहीं मिला!”

इस घटना का जो वीडियो सामने आया वह काफ़ी चौंका देने वाला था। विरोध-प्रदर्शन की आड़ में कुछ गुंडों ने पत्रकार दीपक चौरसिया पर हमला कर दिया था। इस दौरान उनके अलावा उनके साथ गए कैमरा पर्सन पर भी हमला किया गया और उपद्रवियों ने उनके कैमरे को भी तोड़ डाला। पत्रकार के अनुसार, उनकी सुरक्षा के लिए वहाँ कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था।

इस हमले की जहाँ एक तरफ़ तो कड़ी निंदा की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ वामपंथी पत्रकारों ने इस हमले को सही ठहराते हुए इस्लामवादी मोर्चे के कृत्य पर पर्दा डालने की कोशिश की।

NDTV के श्रीनिवासन जैन ने चौरसिया के बारे में बोलते हुए कहा कि वह एक समय में एक अच्छे पत्रकार हुआ करते थे, लेकिन अब नहीं हैं। यह प्रतिक्रिया उन्होंने रोहिणी सिंह के ट्वीट पर दी। रोहिणी सिंह वही हैं, जिन्होंने दीपक चौरसिया पर हुए हमले को सही ठहराया था और उन्हें एक पत्रकार मानने तक से इनकार कर दिया था।

रोहिणी सिंह के इसी ट्वीट का जवाब देते हुए पत्रकार दीपक चौरसिया ने लिखा, “मैंने एक ग़रीब पृष्ठभूमि से आकर अपने दम पर पत्रकारिता की। मेरा कसूर सिर्फ़ इतना है कि मैं आप की तरह डिजाइनर पत्रकार नहीं हूँ! मेरा वित्त मंत्रालय में परिचय नीरा राडिया ने नहीं कराया! ना ही मैंने आज तक किसी सरकार से 3BHK फ़्लैट लेकर खबरें लिखी है!”

2010 में, कॉन्ग्रेस के शासनकाल के दौरान, एक घोटाला सामने आया था जिसमें पत्रकार बरखा दत्त और एमके वेणु (जो द वायर के संस्थापक संपादक हैं, जहाँ अब रोहिणी सिंह काम करती हैं) कॉर्पोरेट लॉबिइंग नीरा राडिया के साथ सम्पर्क थे। एमके वेणु को कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया से अनुरोध करते हुए सुना गया था कि वो रोहिणी सिंह को अपने (लॉबीस्ट के) सर्कल (राजनेताओं, व्यापारियों, लॉबिस्टों आदि) में इंट्रोड्यूज़ करें। राडिया के बारे में पता चला था कि वो यूपीए सरकार से अपने कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए अनुकूल सौदे करने के लिए दलालों के रूप में पत्रकारों का इस्तेमाल कर रही थीं। रोहिणी सिंह वर्तमान में द वायर के साथ ही काम कर रही हैं। दीपक चौरसिया ने अपने ट्वीट में उसी 2010 प्रकरण को याद दिलाते हुए लिखा कि उनका परिचय वित्त मंत्रालय द्वारा नहीं कराया गया है।

इसके अलावा, चौरसिया ने यह दावा भी किया उन्हें किसी सरकार के प्रति अनुकूल ख़बरें लिखने के लिए 3BHK अपार्टमेंट नहीं दिया गया। ऐसा उन्होंने इसलिए लिखा क्योंकि उत्तर प्रदेश चुनावों से पहले, यह अफ़वाह थी कि रोहिणी सिंह को समाजवादी पार्टी द्वारा 2BHK अपार्टमेंट प्राप्त हुआ था। इस तरह की अफ़वाह इसलिए उड़ी थी क्योंकि रोहिणी सिंह ने अपने लेख में ऐसा ज़िक्र किया था कि आने वाले समय में प्रदेश में समाजवादी पार्टी सत्ता में आएगी। इसके बाद, चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, वह अचानक ग़ायब हो गई थीं और महीनों तक सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी थीं। हालाँकि, ये आरोप केवल आरोप ही बने रहे और इन आरोपों को पुष्टि करने का कोई सबूत अभी तक सामने नहीं आया है।

दिलचस्प बात यह है कि दीपक चौरसिया ने यह बात कही है कि रोहिणी सिंह को जो अपार्टमेंट दिया गया था वो 2BHK नहीं बल्कि 3BHK अपार्टमेंट था। लेकिन, हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि दीपक चौरसिया के इस दावे की पुष्टि ऑपइंडिया बिल्कुल नहीं करता।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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