Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिपायलट के माँझे में उलझी गहलोत की परंपरा, कहा- आँसू पोंछने के लिए तेरहवीं...

पायलट के माँझे में उलझी गहलोत की परंपरा, कहा- आँसू पोंछने के लिए तेरहवीं का इंतजार क्यों?

पायलट ने कहा कि एक तरफ घूँघट को ग़लत परंपरा बना कर उसे ख़त्म किया जा रहा है। दूसरी तरफ बच्चों की मौत पर घर न जाने वाली परंपरा का बचाव किया जा रहा है। ये दोहरा रवैया क्यों? उन्होंने कहा कि पीड़ितों का दुःख बाँटने और उनके आँसू पोछना सरकार की जिम्मेदारी है, ये परंपरा डाली जानी चाहिए।

राजस्थान में एक बार फिर से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच का टकराव सतह पर आ गया है। कोटा, जोधपुर और बीकानेर के हॉस्पिटलों में सैकड़ों बच्चों की मौत के बाद अशोक गहलोत ने कहा था कि राजस्थान में किसी बच्चे की मौत पर उसके घर जाकर पीड़ित परिजनों से मिलने की परंपरा नहीं रही है। इस बयान का जवाब देते हुए प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि अगर ऐसी परंपरा नहीं रही है, तो ये परंपरा डालनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि क्या पीड़ित माँ-बाप का दुःख बाँटने और उनके आँसू पोंछने के लिए सरकार बच्चे की तेरहवीं होने तक इंतजार करेगी?

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना उनके ‘परंपरा’ वाले बयान की पायलट ने धज्जियाँ उड़ा दी। उन्होंने कहा कि एक तरफ घूँघट को ग़लत परंपरा बना कर उसे ख़त्म किया जा रहा है तो दूसरी तरफ बच्चों की मौत पर घर न जाने वाली परंपरा का बचाव क्यों किया जा रहा है? ये दोहरा रवैया क्यों? उन्होंने कहा कि पीड़ितों का दुःख बाँटने और उनके आँसू पोछना सरकार की जिम्मेदारी है, ये परंपरा डाली जानी चाहिए।

इस दौरान सचिन पायलट ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ज़मीन पर पतंग उड़ाने की बजाए पार्टी हवा में पतंगबाजी कर रही है। पायलट ने कहा कि नौजवान नाराज़ हैं और संवाद की कमी है, फिर भी बहुमत के दम पर केंद्र सरकार अपनी मनमानी जनता पर थोपने में लगी हुई है। पायलट के साथ कई कॉन्ग्रेस पदाधिकारी भी थे, जिनके साथ उन्होंने पतंगबाजी की। सचिन पायलट ने गहलोत पर उनके घूँघट वाले बयान को लेकर कटाक्ष किया। गहलोत ने कहा था:

“महिलाओं को घूंघट में देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता। जहाँ एक तरफ आज पूरी दुनिया तरक्की कर रही है, वहीं दूसरी तरफ हमारे प्रदेश की महिलाएँ घूँघट में हैं। इस परंपरा को ख़त्म किया जाना चाहिए। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ये आवश्यक है।”

उनके इसी बयान को ‘परंपरा’ वाले बयान से जोड़ते हुए सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को कठघरे में खड़ा किया। इससे पहले जब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने पायलट को पार्टी आलाकमान की तरफ से कोटा में बच्चो की मौत का जायजा लेने भेजा था, तब भी उन्होंने गहलोत की आलोचना की थी। गौरतलब है कि राजस्थान में सत्ता और संगठन के बीच चल रहे इस संघर्ष में जनता पिस रही है। पार्टी आलाकमान भी लाचार नज़र आ रहा है।

बीकानेर और जोधपुर में 2433 बच्चों की मौत, गहलोत सरकार की नाकामी पर मीडिया मौन

कोटा पर कॉन्ग्रेसी मंत्री की खुली पोल: कहा- बीजेपी ने ₹1.7 करोड़ नहीं दिए, पता चला ₹6 करोड़ पड़े रह गए

नए साल पर सबसे ज्यादा किलकारियाँ भारत में गूँजी, फिर नरगिस के मरने की परवाह क्यों करें गहलोत

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

थीसिस पेश करने से लेकर, डिग्री पूरी होने तक… जानें जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ होता है कैसा बर्ताव, सामने आई रिपोर्ट

'कॉल फॉर जस्टिस' की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि जामिया मिलिया इस्लामिया में गैर-मुस्लिमों के साथ न केवल भेदभाव हुआ बल्कि उन्हें धर्मांतरण के लिए उकसाया भी गया।

बांग्लादेश में संविधान का ‘खतना’: सेक्युलर, समाजवादी जैसे शब्द हटाओ, मुजीब से राष्ट्रपिता का दर्जा भी छीनो – सबसे बड़े सरकारी वकील ने दिया...

युनुस सरकार बांग्लादेश के संविधान से 'सेक्युलर' शब्द निकालने की तैयारी कर रही है। इसे इस्लामीकरण की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -