Friday, November 8, 2024
Homeराजनीति'छोटे शहरों और गाँवों में खौफ का माहौल': मॉब लिंचिंग पर सलमान खुर्शीद का...

‘छोटे शहरों और गाँवों में खौफ का माहौल’: मॉब लिंचिंग पर सलमान खुर्शीद का विवादित बयान

कॉन्ग्रेस नेता की यह टिप्‍पणी यूपी के उन्‍नाव में मदरसा छात्र और स्थानीय युवकों के बीच हुई झड़प के बाद आई है। हालाँकि पुलिस द्वारा इस मामले की जाँच के बाद स्पष्ट हुआ कि मजहबी नारे लगवाने के लिए मजबूर करने वाली बात एकदम मनगढ़ंत और झूठी थी।

देश में पिछले कुछ वक्त में मॉब लिंचिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं, इसके बाद से ही इस मामले पर राजनीति जारी है। इसे लेकर भाजपा और कॉन्ग्रेस कई बार आमने-सामने हो चुकी हैं। अब इस मामले पर कॉन्ग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने विवादित बयान दिया है। खुर्शीद के इस बयान पर एक बार फिर से ये मामला गरमा सकता है और सियासत तेज हो सकती है। 

दरअसल, मॉब लिंचिग पर बयान देते हुए सलमान खुर्शीद ने कहा कि दिल्ली से बाहर रह रहे लोग डर के साए में जी रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि दिल्ली के उन इलाकों में डर का कोई माहौल नहीं है, जहाँ हम रहते हैं या काम करते हैं, लेकिन हाँ छोटे शहरों और गाँवों में इसका डर जरूर है। इस डर को दूर करने की जिम्मेदारी हर भारतीय की है।”

कॉन्ग्रेस नेता की यह टिप्‍पणी यूपी के उन्‍नाव में मदरसा छात्र और स्थानीय युवकों के बीच हुई झड़प के बाद आई है। इस मामले में कहा गया कि बजरंग दल के सदस्‍यों ने मदरसा के कुछ छात्रों की सिर्फ इसलिए पिटाई कर दी, क्‍योंकि उन्‍होंने ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगाए। शहर के काजी निसार अहमद मिस्बाही ने आरोप लगाया कि मदरसा के छात्र क्रिकेट खेल रहे थे, तभी बजरंग दल से जुड़े कुछ छात्र वहाँ पहुँचे और जबरन जय श्री राम बुलवाने की कोशिश की। जब उन छात्रों ने मना किया तो उनकी पिटाई कर दी। निसार अहमद ने इस मारपीट को मॉब लिंचिंग से जोड़ने की कोशिश भी की। हालाँकि पुलिस द्वारा इस मामले की जाँच के बाद स्पष्ट हुआ कि मजहबी नारे लगवाने के लिए मजबूर करने वाली बात एकदम मनगढ़ंत और झूठी थी

कानून-व्यवस्था के महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने उन्नाव में क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में हुई मारपीट की घटना को लेकर बताया कि इस मामले की जाँच में पता चला है कि मदरसे के बच्चों से धार्मिक नारे नहीं लगवाए गए थे। यह विवाद दो पक्षों के बीच क्रिकेट मैच के दौरान झगड़े के कारण शुरू हुआ था। प्रवीण कुमार का कहना है कि ऐसे झूठे आरोप लगाकर मेरठ और आगरा में भी शांति भंग करने का प्रयास किया गया, लेकिन जिला और पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी के चलते यह नाकाम हो गया। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी भी देश के कई राज्यों में मॉब लिंचिंग को चुनावी मुद्दा बनाने के लिए भुनाने की कोशिश हो चुकी है, जबकि मॉब लिंचिंग के ज्यादातर मामले गलत ही साबित हुए हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -