Wednesday, October 9, 2024
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पुलिस वाले सस्पेंड, निर्दलीय समर्थक गिरफ्तार; तब जाकर सपा कार्यकर्ता की ‘साड़ी’ पर जागे राहुल गॉंधी

UP पुलिस-प्रशासन ने ससपा प्रत्याशी रितु सिंह की शिकायत के आधार पर आरोपित यश वर्मा और अन्य अज्ञात बीजेपी कार्यकर्ताओं तक को नहीं छोड़ा। सबके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यश वर्मा को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

पार्ट टाइम पॉलिटिशियन के तौर पर अपनी पहचान बना चुके कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने लखीमपुर खीरी में एक सपा कार्यकर्ता को परेशान की जाने की खबर का स्क्रीनशॉट पोस्ट करते ट्वीट किया कि प्रदेश में ‘हिंसा’ का नाम बदल कर उसे ‘मास्टर स्ट्रोक’ कर दिया गया है। दरअसल, सपा कार्यकर्ता को परेशान करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने और लखीमपुर खीरी पुलिस स्टेशन के सभी पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किये जाने के बाद राहुल गाँधी का ध्यान इस तरफ गया है।

अपनी नासमझी के कारण राहुल गाँधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी नामसझी और ‘एक भाषण के बाद एक छुट्टी’ वाले तरीके के कारण ही 2019 लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस 52 सीटों पर सिमट गई थी। दिलचस्प बात यह है कि राहुल गाँधी हमेशा की तरह ही इस राजनीतिक द्वंद्व में भी थोड़ी देर से आए हैं।

बता दें कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा की घटनाएँ बेरोक-टोक जारी हैं, उसके ठीक विपरीत उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, नामाँकन दाखिल करने के दौरान समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता की प्रस्तावक रही महिला कार्यकर्ता को परेशान किए जाने और महिला के कपड़े उतारने की घटना के अगले ही दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर पुलिस स्टेशन के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का आदेश दे दिया। इस घटना में थाना प्रभारी और सीओ तक को नहीं बख्शा गया और उन्हें भी निलंबित कर दिया गया।

समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी रितु सिंह की शिकायत के आधार पर आरोपित यश वर्मा और अन्य अज्ञात बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 171एफ, 354, 392 और 427 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने यश वर्मा को गिरफ्तार भी कर लिया है। एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपित यश निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थक है। वहीं, इंडिया टुडे के अनुसार, मामले में दूसरे आरोपित को भी दबोच लिया गया है।

दिलचस्प बात यह है कि उत्पीड़न की घटना पर कड़ी कार्रवाई करने के बावजूद कॉन्ग्रेस नेता सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे हैं। जबकि, पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बड़े पैमाने पर हत्या, बलात्कार और यातना के बारे में उन्होंने बात तक नहीं की है। जबकि, हाल ही में NHRC की कमेटी की रिपोर्ट को देखने के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टीएमसी के चुनाव जीतने और ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य में हुई राजनीतिक हिंसा के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा था, “याचिकाकर्ताओं द्वारा लिया गया स्टैंड से पता चलता है कि चुनाव के बाद हिंसा हुई थी और राज्य गलत रास्ते पर था। राज्य सरकार इन घटनाओं की पूरी तरह अनदेखी कर रही थी।” कोर्ट ने जाँच में पाया कि राज्य में चुनाव बाद हुई हिंसा में कई लोग मारे गए, कई महिलाओं का यौन शोषण किया गया, लोगों को गंभीर चोटें आईं। यहाँ तक कि नाबालिग लड़कियों तक को नहीं छोड़ा गया। हिंसा के पीड़ितों में से कईयों का आशियाना उजड़ गया और उन्हें पड़ोसी राज्यों में पलायन करना पड़ा।”

उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था, “आज तक राज्य सरकार ऐसा माहौल नहीं बना सकी है कि पीड़ितों में वो विश्वास जाग सके कि वो अपने घर वापस लौट सकें या अपना व्यवसाय कर सकें।” अदालत ने यह भी पाया कि पुलिस ने पीड़ितों की शिकायतें दर्ज करने की बजाय शिकायत करने वाले लोगों के खिलाफ ही केस दर्ज किया।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, ”पश्चिम बंगाल की हिंसा के दौरान रजिस्टर्ड हुए केसों की जाँच में इतनी लापरवाही बरती है कि मामलों में शायद ही कभी कोई गिरफ्तारी हो। कुछ केस दर्ज ही नहीं हुए। ज्यादातर मामलों में आरोपित जमानत पर बाहर आ चुके हैं।” कोर्ट ने यह भी कहा कि जघन्य अपराधों के केस में पुलिस ने तभी केस दर्ज किया जब उस मामले में खुद हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया।

हाई कोर्ट द्वारा इस तरह की तीखी टिप्पड़ियों के बाद भी राहुल गाँधी के कानों जूँ तक नहीं रेंगी। वह चुप ही रहे।

लखीमपुर खीरी में क्या हुआ

गुरुवार (08 जुलाई 2021) को ब्लॉक पंचायत की कैंडिडेट के साथ नामांकन दाखिल करने आई एक महिला नेता पर दो लोगों ने हमला कर दिया था। सपा नेता की प्रस्तावक रही महिला कार्यकर्ता के साथ नामांकन केंद्र पर कुछ लोगों ने मारपीट की और उसके कपड़े उतारने की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक था।

इस वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसको लेकर लोग अपना गुस्सा जता रहे थे। वीडियो में देखा जा सकता है कि समाजवादी पार्टी (सपा) की एक महिला कार्यकर्ता को उत्तर प्रदेश में स्थानीय चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करते समय दो लोग हमला कर देते हैं। आरोपितों को उसके साथ छेड़छाड़ उसकी साड़ी उतारने की कोशिश करते देखा जा सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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