दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कोरोना वायरस को लेकर दिया गया बयान चर्चा में है। जैन ने कहा कि महामारी का दौर अब खत्म होने की ओर है। इस पर इंडियन मेडिकल असोसिएशन के डॉक्टर ने आपत्ति जताई है।
इंडियन मेडिकल असोसिएशन की ओर से कहा गया कि महामारी पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और लोगों को सावधानी बरतते रहना चाहिए। डॉक्टरों की तरफ से कहा गया कि कोरोना खत्म हो रहा है या नहीं, यह फैसला WHO या ICMR जैसे संगठन को करने देना चाहिए।
दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने कहा था कि लगता है कि Pandemic (महामारी) खत्म हो रही है, अब हम लोग Endemic (खात्मे) वाले चरण में हैं। कोरोना की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए जैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि कोरोना का पैंडेमिक फेज़ खत्म हो रहा है, एंडेमिक फेज में जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पैंडेमिक फेज का मतलब होता है बीमारी का बहुत तेजी से बढ़ना, जिसे महामारी कहते हैं। लेकिन, एंडेमिक फेज़ का मतलब है बीमारी का बने रहना। जैसे स्वाइन फ्लू आया था तो तेज़ी से आया था लेकिन उसके बाद हर साल कुछ केस आते हैं।
सत्येंद्र जैन के बयान पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि रविवार को ही केंद्र सरकार ने लिस्ट जारी की है। इसमें 8 प्रदेशों का जिक्र किया गया है, जहाँ कोरोना केस लोड बढ़ रहा है और इसमें दिल्ली भी शामिल है।
IMA की तरफ से उठा सवाल
एक निजी चैनल से बात करते हुए इंडियन मेडिकल असोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयलाल ने कहा, “मैं गुजारिश करता हूँ कि उनकी (जैन) तरह ना सोचें। यह पैनडेमिक (महामारी) का दौर है या नहीं, इसका फैसला वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन या फिर ICMR जैसे संस्थान को करने देना चाहिए। यह कोई राजनीतिक फैसला नहीं है। ऐसा करना विनाशकारी हो सकता है।”
डॉक्टर जयलाल ने आगे कहा कि पूरी दुनिया ने कोरोना की दूसरी लहर देखी है। शुक्र है कि भारत में ऐसी स्थिति नहीं आई है। लेकिन हमें सावधानियाँ बरतते रहना चाहिए। इस बहस में नहीं पड़ना चाहिए कि यह pandemic है या फिर endemic.
बता दें कि सत्येंद्र जैन ने कहा है कि नवंबर में संक्रमण दर 16 प्रतिशत थी, जबकि पिछले 2 महीने से संक्रमण दर 1 प्रतिशत से नीचे दर्ज हो रही है। आज 90 हजार से ज्यादा कोरोना टेस्ट दिल्ली में हुए हैं। संक्रमण दर 0.3 प्रतिशत दर्ज हुई है।
वहीं दिल्ली सरकार द्वारा जारी आँकड़ों के मुताबिक, 6 मार्च को दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 0.60 फीसदी दर्ज हुई है, जो करीब 2 महीने बाद सबसे अधिक है। 6 मार्च से पहले 9 जनवरी 2021 को दिल्ली में 0.65 फीसदी संक्रमण दर दर्ज हुई थी।
दिल्ली में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 1779 हो गई है, जबकि होम आइसोलेशन में मरीजों का आँकड़ा बढ़कर 879 तक पहुँच गया है। यहाँ पर सत्येंद्र जैन और उनकी सरकार द्वारा जारी आँकड़ों के बीच स्पष्ट तौर पर विरोधाभास देखा जा सकता है।