सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (सितम्बर 04, 2020) को 6 गैर-भाजपा शासित राज्यों की समीक्षा याचिका खारिज कर दी। इसमें जेईई मेन 2020 और NEET 2020 परीक्षाओं को स्थगित करने की माँग की गई थी। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हाल ही में एक वर्चुअल बैठक के बाद शीर्ष अदालत के 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की थी।
शीर्ष अदालत ने पहले मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं के संचालन में हस्तक्षेप करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि जिंदगी चलती रहनी चाहिए (Life must go on) और महामारी के कारण छात्र एक कीमती वर्ष नहीं खो सकते हैं।
समीक्षा याचिका में दलील दी गई थी कि अदालत द्वारा दिए गए केवल दो कारणों- जिंदगी चलती रहनी चाहिए और छात्रों को एक शैक्षणिक वर्ष नहीं खोना चाहिए, इस मुद्दे की एक आधिकारिक और व्यापक न्यायिक जाँच के लिए काफी नहीं हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा यह याचिका खारिज किए जाने से साफ हो गया है कि अब JEE और NEET परीक्षा नहीं टाली जाएगी।
जस्टिस अशोक भूषण, बीआर गवई और कृष्ण मुरारी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने समीक्षा याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “हमारे पहले के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कोई मामला नहीं बनता है।”
गौरतलब है कि 6 गैर-भाजपा शासित राज्यों- पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान ने शीर्ष अदालत से गत 28 अगस्त को कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर परीक्षाओं को स्थगित करने की माँग की थी।
याचिकाकर्ताओं में पहले स्थान पर पश्चिम बंगाल के श्रम और कानून मंत्री मोलोय घटक थे। दूसरे नंबर पर झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, तीसरे नंबर पर राजस्थान के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री रघु शर्मा थे। चौथे याचिकाकर्ता छत्तीसगढ़ के खाद्य और नागरिक मंत्री अमरजीत भगत थे। पाँचवें नंबर पर पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू और छठे महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय रवींद्र सामंत थे।
ज्ञात हो कि JEE, जो कि 1 से 6 सितंबर तक आयोजित होनी है, अभी जारी है, जबकि NEET परीक्षा 13 सितंबर को आयोजित की जाएगी।