महाराष्ट्र में शिवसेना नेताओं के बीच चल रहा सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट में आ गया है। एकनाथ शिंदे व उनके समर्थक नेताओं ने डिप्टी स्पीकर के उस नोटिस के विरुद्ध कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिसमें 16 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की बात है। शिंदे गुट की याचिका को कोर्ट ने सूचीबद्ध कर लिया है। अब इस पर सोमवार (27 जून 2022) को सुनवाई होगी।
इस याचिका में कहा गया है कि शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा सदस्य शिंदे गुट के समर्थन में हैं। इसके बावजूद डिप्टी स्पीकर ने 21 जून को पार्टी के विधायक दल का नेता नियुक्त कर दिया। याचिका में डिप्टी स्पीकर के नोटिस को अवैध और मनमाना कहा गया है।
EKNATH SHINDE 🆚️ Deputy Speaker.
— Sameet Thakkar (@thakkar_sameet) June 26, 2022
IN HON'BLE SUPREME COURT OF INDIA TOMORROW. pic.twitter.com/Bhnj7FGMbx
जानकारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में शिंदे गुट ने कुल दो याचिका लगाई हैं। याचिका में शिंदे गुट ने कहा है कि डिप्टी स्पीकर के नोटिस के बाद एक ओर उन्हें और उनके समर्थकों को रोजाना धमकियाँ आ रही हैं। उनका जीवन भी खतरे में हैं। दूसरी ओर उद्धव सरकार ने उन विधायकों के आवास से और उनके परिवारों के सदस्यों के पास से सुरक्षा पापस ले ली है। इसके अलावा संपत्तियों को नुकसान पहुँचाने का काम भी किया गया है।
बता दें कि एक तरफ जहाँ बागी विधायकों के परिजनों को सुरक्षा दिलाने के लिए राज्यपाल भगत सिंग कोश्यारी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपील की है। वहीं आदित्य ठाकरे ने युवा सेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे को याद किया। उन्होंने दिलवाले फिल्म के डॉयलॉग को भी याद किया जिसमें कहा गया था- “हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई।” आदित्य ठाकरे ने शिवसैनिकों से बैठक में ये भी कहा, “मैं तो सड़क पर उतर ही रहा हूँ। बाकी शिवसैनिक भी बागी विधायकों की सच्चाई बताने के लिए लोगों तक जाएँ।”