नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) के मुद्दे पर हिंगोली से शिवसेना के सांसद हेमंत पाटिल पार्टी के रुख़ से अलग खड़े नज़र आ रहे हैं। इन दोनों मुद्दों पर उन्होंने मोदी सरकार का समर्थन करते हुए ज़िला प्रशासन को एक पत्र लिखा है।
Seating Shivsena Member of Parliament from Hingoli Loksabha Constituency Hemant Patil is supporting CAA+NRC.@ndtv @ShivSena @PawarSpeaks @INCIndia @Awhadspeaks @nadeemkhanUAH @AshokChavanINC @TeestaSetalvad @naukarshah pic.twitter.com/rbLiny6WbD
— Sufiyan Maniyar (@SufiyanManiya13) December 24, 2019
इस पत्र में कहा गया है, “मैं CAA और NRC के समर्थन में निकाली गई रैली में शामिल नहीं हो सका, क्योंकि मैं मीटिंग में बिज़ी था। मैं इसके लिए दु:ख व्यक्त करता हूँ। मैंने लोकसभा में इन मुद्दों का समर्थन किया। शिवसेना हमेशा से हिन्दुत्ववादी विचारधारा वाली पार्टी रही है। मैं इन दोनों मुद्दों का पुरज़ोर समर्थन करता हूँ, इसलिए मैं इस बारे में पत्र लिख रहा हूँ।”
शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल को लेकर मोदी सरकार का समर्थन किया था। लेकिन, राज्यसभा में शिवसेना सांसदों ने वोटिंग से पहले वॉक-आउट कर लिया था। इस मामले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था, “ये कानून वीडी सावरकर के सपनों के भारत के ख़िलाफ़ है। सावरकर का मानना था कि सिंधु नदी से लेकर सिंधु महासागर तक भारत एक राष्ट्र है। जैसा कि सावरकर ने सोचा था, क्या आप (केंद्र सरकार) उस तरह से देश को एकजुट कर रहे हैं। आप दूसरे देशों (पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश) से हिन्दुओं को बुला रहे हैं। इसका मतलब है कि आप सावरकर के विचारों को अनदेखा कर रहे हैं।”
दरअसल, नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। कॉन्ग्रेस और शिवसेना समेत कई विपक्षी राजनीतिक दल इस क़ानून का विरोध कर रहे हैं।
हाल ही में भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें शिवसेना के एक नेता ने माना था कि उन्हें नागरिकता संशोधन क़ानून के बारे में नहीं पता। इतना ही नहीं उन्होंने इस क़ानून की जानकारी जुटाने की कोई ज़ेहमत नहीं उठाई। इसलिए उन्होंने इस क़ानून के बारे में पढ़ना भी उचित नहीं समझा और बिना पढ़े ही इसके विरोध में खड़े हो गए। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नागरिकता संशोधन क़ानून और को लेकर नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन्स को लेकर किस तरह से बेवजह का मुद्दा बनाया जा रहा है, जिसका एकमात्र उद्देश्य जनता को भ्रमित करना भर है।
नागरिकता (संशोधन) कानून की आवश्यकता क्यों?
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