Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिमहाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत को ED का समन,...

महाराष्ट्र में सियासी संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत को ED का समन, ₹1034 करोड़ के जमीन घोटाले में मंगलवार को होगी पूछताछ

संजय राउत को प्रवीण राउत और पात्रा चॉल से जुड़े जमीन घोटाले के केस में प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। वहीं संजय राउत को समन भेजे जाने पर शिवसेना ने सवाल उठाया है।

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी ने समन भेजा है। उन्हें 28 जून, 2022 को मुंबई स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। संजय राउत को प्रवीण राउत और पात्रा चॉल से जुड़े जमीन घोटाले के केस में प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। वहीं संजय राउत को समन भेजे जाने पर शिवसेना ने सवाल उठाया है।

क्या है यह घोटाला

बता दें कि साल 2017 में कॉन्ग्रेस-एनसीपी की सरकार ने तय किया था कि पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दिया था। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और 3000 फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा।

ये सभी फ्लैट 47 एकड़ जमीन पर बनने वाले थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी। सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। यहाँ तक कि कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपए में बेच दी।

इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है। कंपनी के डायरेक्टर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपए का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।

कैसे आया संजय राउत का नाम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस एचडीआईएल ने ये दोनों जमीन घोटाले किए थे, उसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। तब दोनों से पूछताछ में शिवसेना सांसद संजय राउत का कनेक्शन सामने आया था। बता दें कि प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त हैं।

वहीं प्रवीण का नाम भी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में सामने आ चुका है। मामले में यह बात भी सामने आई थी कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपए का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। इसे लेकर ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत से भी पूछताछ कर, उनका बयान रिकॉर्ड किया था।

संजय राउत की संपत्ति की गई थी कुर्क

गौरतलब है कि 5 अप्रैल, 2022 को पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में ED ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर ली थी। इस कार्रवाई के तहत जाँच एजेंसी ने राउत के अलीबाग स्थित आठ प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया था।

इसी मामले में ED ने प्रवीण राउत से जुड़ी करोड़ों की संपत्ति को भी कुर्क किया था। ED ने 11 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। इसमें पालघर में प्रवीण राउत से जुड़ी संपत्ति करीब 9 करोड़ रुपए की है। जबकि 2 करोड़ की कीमत वाले दादर में फ्लैट और अलीबाग में प्लॉट संजय राउत की पत्नी का बताया जाता है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘भंगी’, ‘नीच’, ‘भिखारी’ जातिसूचक नहीं, राजस्थान हाई कोर्ट ने SC/ST ऐक्ट हटाया: कहा- लोक सेवकों की जाति के बारे में अनजान थे आरोपित, कोई...

राजस्थान हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', 'मंगनी' आदि किसी जाति के नाम नहीं है।

UPPSC अब कैसे लेगा RO-ARO और PCS की परीक्षा, पुराने पैटर्न को मंजूरी देने के बाद कैसे होगा एग्जाम, क्या होगी नई तारीख: जानें...

आयोग के प्री परीक्षा को एक दिन में करवाने पर सहमत होने और RO/ARO को लेकर विचार करने के बाद भी अभ्यर्थी प्रयागराज से नहीं हिल रहे हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -