Friday, November 15, 2024
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सोनू सूद पर टूट पड़े कॉन्ग्रेसी: BJP का एजेंट बताया, कहा- महाराष्ट्र सरकार को बुरा दिखाने के लिए कर रहे अच्छा काम

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद उन प्रवासियों के लिए बसों की व्यवस्था कर रहे हैं जो देश के अन्य हिस्सों में अपने फँस गए हैं। उन्होंने सैकड़ों बसों की व्यवस्था की है और हजारों प्रवासी श्रमिकों को घर भेजा है। वह लगातार बिना रुके ये काम कर रहे हैं और अब तो उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर भी इसके लिए जारी कर दिया है

बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने पिछले कुछ हफ्तों से एक ऐसा जिम्मा उठाया हुआ है, जिसके लिए उन्हें चारों तरफ से तारीफें मिल रही हैं। लॉकडाउन में फँसे बेबस प्रवासी मजदूरों को सोनू बस का इंतजाम कर उनके घर भेजने का काम कर रहे हैं।

लेकिन इस बीच वे कॉन्ग्रेसियों के निशाने पर आ गए हैं। इसका कारण सोनू सूद का महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलना है। बता दें कि सोनू सूद ने शनिवार (मई 30, 2020) को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की थी।

बताया जा रहा है कि सोनू सूद ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें घर पहुँचाए जा रहे प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सोनू सूद ने राज्यपाल को यह भी बताया कि वह कैसे प्रवासियों को घर पहुँचा रहे हैं और उनके लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोनू सूद के इस अच्छे काम की सराहना की और उन्हें पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इसके तुरंत बाद सोनू सूद के ऊपर कॉन्ग्रेस समर्थकों ने हमला बोला। उन्होंने सोनू सूद को बीजेपी का एजेंट करार देते हुए कहा कि वो अच्छा काम इसलिए कर रहे हैं, ताकि राज्य में कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार को बुरा दिखाया जा सके।

सोनू सूद की तुलना अन्ना हजारे के साथ भी की गई, जिन्होंने इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन शुरू किया, जिसके कारण अंततः आम आदमी पार्टी का निर्माण हुआ।

इतना ही नहीं, उन्हें खलनायक भी बनाया गया, क्योंकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एवं अन्य भाजपा नेताओं ने उनके काम की तारीफ की और उनके काम में मदद भी की।

गौरतलब है कि भाजपा नेता भी लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। भाजपा दिल्ली के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही दिल्ली में फँसे प्रवासियों की राशन आदि देकर मदद पहुँचा रहे हैं। वहीं, सोनू सूद के काम की प्रशंसा कॉन्ग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी की थी।

इसी तरह, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी उनके प्रयासों की सराहना की थी।

उन पर ‘उच्च जाति के हिंदू’ होने के लिए हमला किया गया।

जल्द ही इसमें कॉन्ग्रेस मिशनरी भी शामिल हो गए और सोनू सूद पर निशाना साधने लगे।

कुछ लोगों ने तो यह भी आगाह किया कि वे उनकी तारीफ करने से परहेज करें, क्योंकि अगर वह भविष्य में भाजपा में शामिल हो जाते हैं तो फिर क्या होगा।

रविवार (मई 31, 2020) को एक और कपोल कल्पना को हवा दी गई कि चूँकि उन्होंने अखिल भारतीय बंजारा सेवा संघ के अध्यक्ष शंकर पवार की मदद की, जिन्होंने कभी पीएम मोदी के साथ अपनी तस्वीर क्लिक करवाई थी, तो इसका मतलब है कि प्रवासियों को घर पहुँचाने में वह निश्चित रूप से भाजपा की कठपुतली है। 2017 में शंकर पवार के बेटे सनी पवार ने ठाणे चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था।

बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद उन प्रवासियों के लिए बसों की व्यवस्था कर रहे हैं जो देश के अन्य हिस्सों में अपने फँस गए हैं। उन्होंने सैकड़ों बसों की व्यवस्था की है और हजारों प्रवासी श्रमिकों को घर भेजा है। वह लगातार बिना रुके ये काम कर रहे हैं और अब तो उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर भी इसके लिए जारी कर दिया है।

हालाँकि, अब उनके सभी अच्छे काम उनके राजनीतिक झुकाव की कोरी कल्पना के तहत सोशल मीडिया पर एक विशेष वर्ग द्वारा संदेह के घेरे में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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