राज्यसभा से निलंबित चल रहे आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ से माफी माँगने को तैयार हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान समझाते हुए कहा कि अगर AAP सांसद राज्यसभा चेयरमैन से माफी माँग लेंगे तो सभापति उनके मसले पर विचार करेंगे और उनकी समस्या का समाधान भी करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उन्हें लगता है कि इस मामले का सौहार्दपूर्वक समाधान हो जाएगा।
The Supreme Court on Friday asked Aam Aadmi Party (AAP) MP Raghav Chadha to meet Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankar, and apologise for his alleged conduct in the House.
— IndiaToday (@IndiaToday) November 3, 2023
The AAP leader was indefinitely suspended from Parliament on August 11 over allegations of not seeking… pic.twitter.com/628GQ1EFmH
रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने राघव चड्ढा के वकील से पूछा कि क्या उनके मुअक्किल सभापति से मिलने की अपॉइंटमेंट चाहते हैं ताकि माफी माँग सकें। इस पर राघव के वकील फरासत ने कहा कि राघव राज्यसभा के युवा सदस्य हैं और उन्हें माफी माँगने में कोई समस्या नहीं है।
इस बात को सुन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि ये बात पता है कि राघव चड्ढा सदन के युवा सदस्य हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए कि उनकी मंशा सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाने की नहीं थी। ये सुनिश्चित किया जाता है कि वो सभापति से मिलें और बिन किसी शर्त के माफी माँगें जिससे सभापति इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।
SG: the member can check when the VP is available and accordingly meet him
— Bar & Bench (@barandbench) November 3, 2023
CJI: it has been submitted that @raghav_chadha is the youngest member of the august house. Bearing in mind that he had no intention to attack the dignity of the house, it is assured that @raghav_chadha…
बता दें कि 2023 अगस्त माह में राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किया गया था। उनपर आरोप था कि उन्होंने सांसदों की मंजूरी के बिना उनकी सदस्यता वाली समिति के गठन का प्रस्ताव दिया था, जो कि नियमों का उल्लंघन है। इस प्रकार, AAP के दोनों नेताओं को विशेषाधिकार समिति का फैसला आने तक राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।
राज्यसभा में बीजेपी सांसद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राघव चड्ढा के मामले पर प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कहा था, “यह बहुत गंभीर मामला है। जिस तरह से बिना सदस्यों की जानकारी के उनका नाम लिस्ट में डाल दिया गया है, वह बहुत ही गलत बात है।”
उल्लेखनीय है कि राघव चड्ढा ने दिल्ली सेवा संशोधन बिल 2023 पर विचार के लिए एक समिति का गठन करने की माँग की थी। इस समिति के लिए ही सांसद सस्मित पात्रा, एस फेंगोन कोन्याक, एम थंबीदुरई, सुधांशु त्रिवेदी और नरहरि अमीन के बगैर मर्जी के उनके नाम दिए गए थे। इसी बात से नाराज होकर इन्होंने सभापति के आगे अपनी शिकायत दी और बताया कि लिस्ट में बिना उनकी इच्छा के नाम शामिल किए गए थे। यह राज्यसभा की कार्यवाही प्रक्रिया के नियमों का उल्लंघन है।