महाराष्ट्र का सियासी घटनाक्रम शनिवार को पल-पल बदलता रहा। शाम होते होते मामला सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुॅंच गया। शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस ने गवर्नर की ओर से बीजेपी और अजित पवार को सरकार बनाने को न्यौता दिए जाने को असंवैधानिक बताते हुए शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। तीनों दलों ने इस शपथ को रद्द किए जाने की भी मॉंग की है। याचिका पर रविवार सुबह साढ़े 11 बजे सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
Supreme Court to hear on tomorrow at 11.30 am the joint plea of Shiv Sena, Nationalist Congress Party and Indian National Congress against the decision of Maharashtra Governor inviting Devendra Fadnavis to form the government on November 23. pic.twitter.com/Be4lMgmSNH
— ANI (@ANI) November 23, 2019
इससे पहले शरद पवार ने एनसीपी विधायकों की बैठक बुलाई। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बैठक में एनसीपी के 50 विधायक मौजूद थे। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने बताया कि पार्टी के पॉंच विधायक नेतृत्व के संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव में ही बीजेपी और अजित पवार वाले धड़े की हार तय है। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस का राज्य में सरकार बनाना तय है।
पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा है कि देवेंद्र फडणवीस ने गवर्नर को गुमराह कर शपथ लिया है। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। चव्हाण ने कहा कि एनसीपी के पास संख्याबल मौजूद है। केवल चार से पॉंच विधायक पार्टी के संपर्क में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अजित पवार को भी लौट जाना चाहिए।
Nawab Malik, NCP: 5 of our MLAs are not in contact with us, 6 are about to arrive&rest have arrived. On the basis of numbers we have, we’ll defeat the government in election of speaker itself. After which, Shiv Sena-NCP-Congress government will definitely be formed in Maharashtra pic.twitter.com/bDArinlvgJ
— ANI (@ANI) November 23, 2019
हालॉंकि, एनसीपी विधायकों की बैठक में अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। नवाब मलिक ने बताया कि सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाया गया और कहा गया कि पार्टी उनके फैसले का समर्थन नहीं करती। उन्होंने बताया कि नए नेता के चुनाव तक जयंत पाटिल को विधायक दल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
Congress leader Ashok Chavan: Devendra Fadnavis has mislead the Maharashtra Governor. He must resign. NCP has the numbers, only 4-5 NCP MLAs are not in touch with the party. Ajit Pawar should return to his home (NCP). pic.twitter.com/iptCJQiMde
— ANI (@ANI) November 23, 2019
गौरतलब है कि एनसीपी नेता अजित पवार के सहयोग से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस की शनिवार की सुबह शपथ ली। अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में तड़के हुए शपथ ग्रहण समारोह के बारे में लोगों को भनक तक नहीं लगी। राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के तुरंत बाद शपथ ग्रहण समारोह हुआ। महाराष्ट्र में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र का शासन हटाने के लिए घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए और इस संबंध में एक गजट अधिसूचना तड़के 5 बजकर 47 मिनट पर जारी की गई।
यह शपथ ग्रहण ऐसे समय में हुआ जब एक दिन पहले शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी थी। शपथ ग्रहण के बाद एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया कि भाजपा के साथ जाने का फैसला अजित का व्यक्तिगत निर्णय है न कि पार्टी का। वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने के फैसला को लेकर अजित पवार पर पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने अजित पवार के लौट आने का भी दावा किया। ऐसे में अब सबकी नजरें रविवार को होने वाली सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर टिक गई है।