एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मोदी कैबिनेट में शामिल होने का प्रस्ताव मिलने के दावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें ऐसे किसी भी ऑफर के बारे में पता नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट में कॉन्ग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री के हवाले से दावा किया गया था कि अजित पवार ने चाचा शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है।
मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने कहा है, “मुझे किसी ने कोई ऑफर नहीं दिया है। 15 अगस्त की एक सेल चल रही है बहुत जगह। वही ऑफर मुझे पता है बाकी नहीं पता। किसी ने भी मुझे कुछ ऑफर नहीं किया है और न ही मुझसे कोई बातचीत हुई है। पवार साहब और मैंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया। मुझे नहीं पता कि कॉन्ग्रेस इस तरह के बयान क्यों दे रही है। आपको कॉन्ग्रेस नेताओं से पूछना चाहिए कि वे इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। मैं व्यक्तिगत रूप से सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, गौरव गोगोई जैसे कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के संपर्क में हूँ। मैं महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेताओं के संपर्क में नहीं हूँ।”
#WATCH | On being offered Cabinet post by BJP, NCP leader Supriya Sule says "No one has offered me anything nor had a conversation with me…You should ask them (Maharashtra Congress leaders) why they are giving such statements. I have no idea. I am personally in touch with the… pic.twitter.com/jgl2R5qBbL
— ANI (@ANI) August 16, 2023
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया ने कॉन्ग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री के हवाले से अजित पवार द्वारा शरद पवार को दिए ऑफर को लेकर दावा किया था। हालाँकि रिपोर्ट में इस नेता की पहचान नहीं बताई गई है। रिपोर्ट में इस अनाम पूर्व मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है, “अजीत ने अपने चाचा से कहा था कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री या नीति आयोग उपाध्यक्ष का पद दिया जाएगा। वहीं सुप्रिया सुले और जयंत पाटिल को क्रमशः केंद्र और राज्य सरकार में शामिल किया जाएगा।” पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया है कि शरद पवार ने भतीजे के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा है कि वह किसी भी तरह से भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
शरद पवार और अजित पवार की 12 अगस्त को पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरड़िया के घर पर ‘सीक्रेट मीटिंग’ हुई थी। मीटिंग में शरद पवार के साथ जयंत पाटिल भी थे। चाचा-भतीजे की इस मुलाकात पर महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, कॉन्ग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने नाराजगी जताई थी। कॉन्ग्रेस और शिवसेना (UBT) का कहना था कि एनसीपी को दो फाड़ करने के बाद अजित पवार एनडीए में शामिल हो गए हैं, इसलिए शरद पवार को उनसे नहीं मिलना चाहिए।
नाना पटोले ने यह भी कहा था कि इस तरह की मीटिंग स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके बारे में राहुल गाँधी को भी जानकारी दी गई है। वहीं, यूबीटी शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है, “अजित पवार को पवार साहब ने बनाया। शरद पवार को अजित पवार ने नहीं बनाया। 60 साल से भी ज्यादा समय पवार साहब संसदीय राजनीति में बिता चुके हैं। 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। केंद्रीय मंत्री भी रहे। शरद पवार का कद बहुत बड़ा है। ये जूनियर लोग हैं, ये क्या ऑफर देंगे?”
अजित पवार के साथ हुई ‘सीक्रेट मीटिंग’ को शरद पवार ने पारिवारिक मुलाकात करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वे उनके भतीजे हैं और परिवार के सदस्य से मुलाकात में कुछ बुराई नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर परिवार के वरिष्ठ व्यक्ति किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता हो तो इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। NCP को अपनी पार्टी बताते हुए कहा था कि वो उनकी पार्टी भाजपा के साथ किसी भी कीमत पर नहीं जाएगी। उन्होंने अजित पवार का नाम लिए बिना कहा था कि पार्टी के कुछ लोगों ने अलग रुख अपनाया है। कुछ शुभचिंतक उनके रुख में बदलाव के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसलिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में चर्चा हो रही है। बता दें कि 2 जुलाई को अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एक गुट महाराष्ट्र की एनडीए सरकार में शामिल हो गया था।