Sunday, November 17, 2024
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‘मैं पहले भारतीय हूँ, फिर बंगाली’: शुभेंदु अधिकारी ने TMC को चेताया, समर्थकों ने चालू की दफ्तरों की भगवा पुताई

शुभेंदु अधिकारी ने पूछा कि पश्चिम बंगाल में आखिर 'पार्टी का, पार्टी के लिए और पार्टी द्वारा' वाला शासन क्यों चल रहा है? उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पूरी तरह भारत का ही हिस्सा है और...

जहाँ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने कह दिया है कि पश्चिम बंगाल के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी शनिवार (दिसंबर 19, 2020) को पार्टी में शामिल होने वाले हैं, वहीं दूसरी तरफ समर्थकों के व्यवहार से भी लग रहा है कि वो भाजपा कैडर बनने के लिए तैयार हैं। शुभेंदु अधिकारी के दफ्तरों को, जहाँ से पहले तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) का कामकाज देखा जाता था, अब उन्हें समर्थकों द्वारा भगवा रंग से रंगा जाना शुरू कर दिया गया है।

कुछ ही सप्ताह पहले तक ममता बनर्जी की सरकार में परिवहन, सिंचाई और जल मंत्रालय संभालने वाले शुभेंदु अधिकारी ने हुगली रिवर ब्रिज कमिशन के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देकर TMC सरकार से नाता तोड़ लिया था। अब उन्होंने कहा है कि वो सबसे पहले एक भारतीय हैं, उसके बाद बंगाली। उन्होंने TMC द्वारा भाजपा नेताओं को बाहरी बताए जाने पर जवाब देते हुए कहा कि बंगाल सहित अन्य राज्य भी इसी देश का हिस्सा हैं।

उन्होंने कहा कि TMC में चंद लोगों को संगठन से भी ज्यादा भाव दिया जाता है। पूर्वी मेदिनीपुर के हल्दिया में स्वतंत्रता सेनानी सतीश चंद्र समांता के जयंती समरोह में जनता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल पूरी तरह भारत का ही हिस्सा है और अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को बाहरी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि न तो तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने सतीश चंद्र को नॉन-हिंदीभाषी सांसद के रूप में ब्रांडिंग की, न ही सतीश चंद्र ने नेहरू को बाहरी बताया।

बंगाल इंजीनियरिंग कॉलेज की शिक्षा बीच में ही छोड़ कर स्वतंत्रता संग्राम में कूदे सतीश चंद्र ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ‘ताम्रलिप्ता राष्ट्रीय सरकार’ के गठन में बड़ी भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता के बाद वो 3 दशकों तक सांसद रहे। शुभेंदु अधिकारी ने पूछा कि पश्चिम बंगाल में आखिर ‘पार्टी का, पार्टी के लिए और पार्टी द्वारा’ वाला शासन क्यों चल रहा है? उन्होंने याद दिलाया कि ये लोकतंत्र है और यहाँ पार्टी की जगह जनता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, “मैं किसी भी पद का लालची नहीं हूँ। मैंने जीवन भर जनता के लिए काम किया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि मैंने पद की लालसा से ये सब किया है। 2021 विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें करारा जवाब देगी। नंदीग्राम आंदोलन जनता का था। न तो कोई राजनीतिक दल, न ही किसी खास व्यक्ति को इसका फायदा लेने की कोशिश करनी चाहिए।” 49 वर्षीय नेता के इस रुख से तृणमूल खेमे में बेचैनी दिख रही है।

उधर पश्चिम बंगाल के 3 जिलों में प्रखंड स्तर पर स्थित शुभेंदु अधिकारी के दफ्तरों को उनके समर्थकों ने भगवा रंग से रंगना चालू कर दिया है। पहले इन्हीं दफ्तरों से तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) का कामकाज देखा जाता था। कुछ गाँवों में स्थित उनके दफ्तरों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिन्हें भगवा रंग से रंगा हुआ देखा जा सकता है। ‘दादा का अनुयायी’ पोस्टर लहराते हुए समर्थकों ने मार्च भी निकाला।

उन्होंने एक और बड़ा दावा किया कि हाल के समय में उन पर 11 बार हमले किए गए, लेकिन वो ऐसा करने वालों को चेताना चाहते हैं कि उन्हें कोई रोक नहीं पाएगा। उन्होंने कहा, “मैं आलोचकों को बताना चाहता हूँ कि मेरे साथ जनता है, जिसका मेरे साथ कनेक्शन है। मेरा परिवार 7 लोगों का नहीं है, बंगाल के हर गाँव में पाँत-भात खाने वाला मेरा परिवार है। इंतजार कीजिए, जल्द ही बड़ी घोषणा करूँगा और अपना रुख साफ़ करूँगा।”

पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इसी सप्ताह के अंत में कोलकाता जाने वाले हैं। उधर तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) ने निर्णय लिया है कि अब वो शुभेंदु अधिकारी का और मान-मनव्वल नहीं करेगी, भले ही वो पार्टी छोड़ कर कहीं और चले जाएँ।

भाजपा में शामिल होने से पहले शुभेंदु अधिकारी दिल्ली भी जाने वाले हैं। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा भी प्रदान किए जाने की चर्चा चल रही है। TMC ने उन्हें मनाने के लिए सांसद सौगात रॉय को लगाया था, लेकिन जिस तरह से उनसे बातचीत का व्हाट्सप्प चैट सार्वजनिक कर के मीडिया को दे दिया गया, उससे शुभेंदु खासे नाराज हुए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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