Thursday, November 14, 2024
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‘ये छूटा तो मेरी जान को खतरा होगा’ : स्वाति मालीवाल के बयान के बाद 3 दिन और बढ़ी विभव कुमार की हिरासत, वकील ने कोर्ट में ‘ड्रामा’ किया

स्वाति मालीवाल की ओर से जहाँ दिल्ली कोर्ट में विभव की बेल का विरोध करते हुए कहा गया कि अगर विभव को बेल मिली तो इससे उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा हो सकता है, तो वहीं विभव कुमार के वकील ने कहा कि सीएम हाउस में जबरन स्वाति मालीवाल घुसीं और केस उनके खिलाफ हो रहा है।

स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में आज (28 मई 2028) दिल्ली सीएम के पर्सनल असिस्टेंट रहे विभव कुमार की तीस हजारी कोर्ट ने तीन दिन की पुलिस हिरासत और बढ़ा दी। इस फैसले को सुनाते वक्त कोर्ट में काफी ‘ड्रामा’ होने की भी खबर है।

दरअसल, मीडिया में बताया जा रहा है कि विभव कुमार के वकील ने कोर्ट में सवाल उठाए थे कि आखिर सरकारी वकील, फैसला आने से पहले जज के चैंबर में क्यों बैठे थे। उन्होंने जज से भी पूछा कि आखिर वो वकील उनके चैंबर में एक घंटे से क्या कर रहे थे और ‘अभी-अभी (कोर्ट में फैसले के वक्त) क्यों निकले हैं।’

बता दें कि इससे पहले तीस हजारी कोर्ट में सोमवार (27 मई 2028) को स्वाति मालीवाल और विभव कुमार के वकीलों के बीच काफी जिरह हुई थी। स्वाति मालीवाल की ओर से जहाँ दिल्ली कोर्ट में विभव की बेल का विरोध करते हुए कहा गया था कि अगर विभव को बेल मिली तो इससे उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा हो सकता है, तो वहीं विभव कुमार के वकील ने कहा कि सीएम हाउस में जबरन स्वाति मालीवाल घुसीं और केस उनके खिलाफ हो रहा है।

विभव कुमार के वकील ने कहा कि उस दिन स्वाति मालीवाल सोच के आई थीं कि वो बिन पूछे घुसेंगी। क्या एक राज्यसभा सांसद होने के मतलब ये होता है कि सीएम हाउस में बिन अनुमति घुस लिया जाए वो भी सिक्योरिटी जोन को क्रॉस करके। वकील के मुताबिक, सुरक्षाकर्मी स्वाति से बार-बार पूछ रहे थे कि क्या उन्होंने विभव से बात की है, क्योंकि विभव ही सीएम की सिक्योरिटी के लिए जवाबदेह होता।

वकील ने कहा कि उस दिन सुरक्षाकर्मियों ने आराम से स्वाति को घर से बाहर किया था और फुटेज में भी वो आराम से जा रही थीं। उन्होंने पूछा कि अगर घर में ऐसा कुछ हुआ भी था तो उन्होंने उसी दिन शिकायत क्यों नहीं दी, क्यों तीन दिन तक इंतजार किया गया। वो तो डीसीडब्लू की चीफ रही हैं। उन्हें अपने अधिकार पता है। अगर किसी अधिकार का उल्लंघन हुआ तो उन्हें शिकायत देनी चाहिए थी।

वकील ने कहा कि एक बार उस जगह को देखिए जहाँ घटना घटित बताई जा रही है, वहाँ बहुत लोग थे। प्रोटोकॉल अधिकारी, सिक्योरिटी अधिकारी भी। सब स्वाति को जानते थे। उन्होंने कहा कि ये सब सोच-समझकर किया गया है। लेकिन फिर भी वो सिर्फ बेल माँग रहे हैं। मामले से रिहा होने को नहीं कर रहे।

मीडिया में मौजूद जानकारी के अनुसार, स्वाति मालीवाल सुनवाई के दौरान एक जगह रोने लगी थीं। वहीं दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा, “आप एक महिला को बिन किसी उकसावे के पीटते हैं। उसके साथ खींचतान करते हैं। ऐसे मारते हैं कि उसकी बटन खुल जाते हैं। इसमें कोई मंशा देखने की जरूरत नहीं है। आप जो कर रहे थे उससे सम्मान आहत होता है।”

दिल्ली पुलिस ने गौर करवाया कि अब सब कह रहे हैं कि मालीवाल सीएम की छवि खराब करने की योजना से उनके आवास पर गई थी, लेकिन ये मालूम हो कि पार्टी प्रमुख ने उन्हें लेडी सिंघम तक कहा है। अब वो कह रहे हैं वो उनकी छवि बिगाड़ने गई थी?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि स्वाति मालीवाल केजरीवाल के साथ बहुत पहले से हैं। विभव के साथ होने से पहले भी। इसके साथ पुलिस ने पूछा अगर स्वाति उस दिन जबरन घर में घुस भी रही थीं तो 100 नंबर पर कॉल क्यों नहीं किया गया।

इस पूरी सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल ने बताया कि उन्हें केस के बाद जान से मारने और बलात्कार की धमकियाँ आ रही हैं। उन्होंने कहा, “मुझे बुरी तरह पीटा गया। आप नेता कह रहे हैं कि मैं भाजपा की एजेंट हूँ। आप के पास सोशल मीडिया ट्रॉल्स की एक बड़ी मशीनरी है। अगर यह आदमी बाहर आता है, तो यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ी मौत का खतरा होगा।”

सीएम केजरीवाल को लेकर स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा, “मुख्यमंत्री आरोपित के साथ घूम रहे हैं और उसे लखनऊ तथा अन्य स्थानों पर ले गए। उनके पास ट्रोल्स की बड़ी मशीनरी है, सभी पार्टी नेताओं को मेरे खिलाफ खड़े होने की चेतावनी दी गई है। वह (विभव कुमार) कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं, उसे ऐसी सुविधाएँ मिलती हैं जो मंत्रियों को भी नहीं मिलतीं। अगर वह बाहर आते हैं, तो मेरी और मेरे परिवार की जान को गंभीर खतरा हो जाएगा।”

इस जिरह के बाद दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार की तीन दिन की हिरासत बढ़ाने का फैसला सुनाया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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