उत्तर प्रदेश और बिहार के दो बड़े नेताओं ने पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी का समर्थन किया है। तेजस्वी यादव ने तो यहाँ तक कहा कि बंगाल में भाजपा के सारे केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद तक लगे हुए हैं लेकिन ‘दूल्हे’ का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने पूछा कि भाजपा में कौन ऐसा है, जो ममता बनर्जी जैसा अनुभव रखता हो। उन्होंने कहा कि अनुभव के आधार पर ममता को फिर सीएम चुना जाना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने पश्चिम बंगाल में रह रहे बिहारियों से ममता बनर्जी को जिताने की अपील की। पश्चिम बंगाल के हिन्दीभाषी वोटरों को लुभाने के लिए TMC द्वारा तेजस्वी और अखिलेश से अपील करवाई जा रही है। दोनों नेताओं ने भाजपा को बंगाल के लिए ‘बाहरी’ करार दिया और दावा किया कि पार्टी यहाँ आकर विभाजन की राजनीति खेल रही है। अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के ममता बनर्जी को समर्थन का ऐलान किया।
सोमवार (मार्च 1, 2021) की शाम को बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ममता बनर्जी से उनके दफ्तर में मुलाकात की। हालाँकि, बिहार में CPM और कॉन्ग्रेस उनकी पार्टी राजद के साथ गठबंधन में हैं लेकिन तेजस्वी यादव ने इन दोनों पार्टियों के नेताओं से मुलाकात करना भी गवारा नहीं समझा। केरल में लेफ्ट के खिलाफ खड़ी कॉन्ग्रेस पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को हराने के लिए लेफ्ट के साथ है।
यूपी-बिहार के वोटरों की संख्या पश्चिम बंगाल में 45 लाख के करीब बताई जाती है। तृणमूल पोषित मीडिया का कहना है कि तेजस्वी और अखिलेश की अपील से हिन्दीभाषी वोटर भाजपा से दूर होंगे। तेजस्वी यादव ने कहा, “हम ममता बनर्जी की जीत के लिए पूरी ताकत लगा देंगे। उन्हें जहाँ भी ज़रूरत होगी, हम मौजूद होंगे। भाजपा कितनी भी कोशिशें कर ले, बंगाल एक अलग जगह है। बंगाल की संस्कृति, विरासत और प्रकृति को बचाने की ज़रूरत है।”
विधानसभा चुनावों में भारत सरकार और उसके सम्पूर्ण मंत्रिपरिषद का इस प्रकार की सक्रियता कभी भी नहीं देखी गयी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 1, 2021
आदरणीय लालू प्रसाद जी का स्पष्ट मानना है कि विपक्ष के लिए यह समय देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, विचारधारा की प्रतिबद्दता तथा सिद्धांतों की स्थिर राजनीति का है।
तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र को तबाह करने की कोशिश हो रही है, इसीलिए इसे बचाने के लिए आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि ये उनके पिता और राजद सुप्रीमो लालू यादव का निर्देश है कि ममता बनर्जी के साथ खड़ा हुआ जाए। वहीं ममता बनर्जी ने भी तेजस्वी के तारीफों के पुल बाँधे और कहा कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में असल में उनकी जीत हुई थी, लेकिन भाजपा ने साजिश कर के उन्हें हरा दिया।
ममता बनर्जी ने दावा किया कि आज नहीं तो कल तेजस्वी यादव को सत्ता में आना ही है। ममता बनर्जी ने लालू यादव को पितातुल्य बताते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की। राजद बंगाल में 10 सीटें चाहता है और इसीलिए उसके नेताओं ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ बैठक भी की है। कहा जा रहा है कि ब्रिगेड ग्राउंड में कॉन्ग्रेस-लेफ्ट-ISF की रैली में तेजस्वी जानबूझ कर नहीं पहुँचे।
खुद वामपंथी दलों में ममता के खिलाफ लड़ाई को लेकर एकमत नहीं है। कहा जा रहा है कि बिहार में लेफ्ट के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने ही तेजस्वी यादव को उस रैली में न जाने की सलाह दी थी और वो अपनी पार्टी के नेताओं को भी ममता के खिलाफ लड़ाई को भूल कर भाजपा को राज्य से बाहर रखने की कोशिश करने को कह रहे हैं। भाजपा ने तेजस्वी व अखिलेश के बयानों को नकारते हुए कहा कि वो अपने ही राज्यों में सत्ता में नहीं हैं, उनकी बातों का कोई मोल नहीं।
उधर तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार ने फुरफुरा शरीफ के विकास के लिए 2.60 करोड़ रुपए आवंटित किया। ये सब तब हो रहा है, जब फुरफुरा शरीफ का मौलाना अब्बास सिद्दीकी न सिर्फ लेफ्ट के साथ गठबंधन में है बल्कि रैलियाँ भी साथ कर रहा है। पश्चिम बंगाल के वित्त विभाग ने कम से कम 60 योजनाओं और फुरफुरा शरीफ विकास प्राधिकरण के लिए लगभग 20 करोड़ रुपए आवंटित किए। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से भी तृणमूल कॉन्ग्रेस के खेमे में बेचैनी है।