Saturday, November 16, 2024
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तेलंगाना में महिला पत्रकार पर FIR, बिजली विभाग द्वारा उत्पीड़न की खोली पोल तो हो गया पुलिस केस: राहुल गाँधी को दिलाई लोकतंत्र की याद

अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हैदराबाद स्थित पत्रकार रेवती ने इसे अपने पत्रकारीय प्रयासों के लिए 'सम्मान का पदक' बताया है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से प्रेस की स्वतंत्रता और कानून के चयनात्मक प्रयोग को लेकर कॉन्ग्रेस के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया। उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को टैग किया।

तेलंगाना पुलिस ने बुधवार (19 जून) को एक पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली। यह पत्रकार राज्य में बिजली कटौती और उसके बाद बिजली विभाग द्वारा ग्राहकों के कथित उत्पीड़न से संबंधित जनता की शिकायतों को लगातार उजागर कर रहा था। इसको लेकर पुलिस ने पत्रकार पर जानबूझकर झूठ फैलाने और राज्य सरकार एवं उसके बिजली विभाग TGSPDCL को बदनाम करने का आरोप लगाकर मामला दर्ज किया है।

अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हैदराबाद स्थित पत्रकार रेवती ने इसे अपने पत्रकारीय प्रयासों के लिए ‘सम्मान का पदक’ बताया है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से प्रेस की स्वतंत्रता और कानून के चयनात्मक प्रयोग को लेकर कॉन्ग्रेस के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया। उन्होंने कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को टैग किया।

पत्रकार रेवती ने लिखा, “एक विचित्र कदम उठाते हुए मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि तेलंगाना पावर एंड कंपनी के असली अपराधी घूम रहे हैं, जिन्होंने दिनदहाड़े एक महिला उपभोक्ता को परेशान किया!” कॉन्ग्रेस नेताओं से उन्होंने पूछा, “क्या मीडिया की स्वतंत्रता पर आपका यही रुख है? क्या आपकी सरकार सच को उजागर करने वाले पत्रकारों को चुप कराने की कोशिश कर रही है?”

रेवती ने राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी और सीएम रेवंत रेड्डी से कहा, “अगर आप लोकतंत्र में विश्वास करते हैं तो न्याय के लिए हमारी लड़ाई में हमारे साथ खड़े हों और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करें! मैंने प्रताड़ित महिला की निजता की रक्षा के लिए उसका वीडियो पोस्ट नहीं करने का फैसला किया। अगर यही अधिकारी मीडिया से गुंडागर्दी करते हैं तो लोगों की रक्षा कौन करेगा?”

रेवती की एक्स (ट्विटर) टाइमलाइन के अनुसार, वह बिजली विभाग से जुड़ी जनता की शिकायतों को उजागर करती रही हैं। इससे पहले की एक पोस्ट में रेवती ने एक महिला की चिंताओं को साझा किया था, जिसे अपने क्षेत्र में लगातार बिजली कटौती के खिलाफ पोस्ट करने पर बिजली विभाग द्वारा कथित रूप से परेशान किया गया था।

पत्रकार रेवती ने महिला की पहचान को उजागर नहीं करते हुए कहा कि उस महिला ने उन्हें बताया था कि एक लाइनमैन उसके घर आया था और उसे अपनी पोस्ट हटाने के लिए कहा था। आरोप यह भी है कि जब महिला ग्राहक ने बिजली विभाग के अधिकारियों को इस बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि उन्हें ट्वीट करने के बजाय उन्हें फोन करना चाहिए था।

महिला ग्राहक के अनुसार, उन्हें बताया गया, “बिजली विभाग पर ऊपर के लोगों का बहुत ज़्यादा दबाव है।” पत्रकार रेवती ने कहा कि उन्होंने घटना की जाँच की है और उनके पास उस बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग है। हालाँकि, सुरक्षा कारणों से और महिला की निजता का सम्मान करते हुए वे इस रिकॉर्डिंग को साझा नहीं करना चाहती हैं।

पत्रकार रेवती के अनुसार, जिस महिला ग्राहक ने बिजली कटौती के बारे में ट्वीट किया था, वह अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है, क्योंकि वह किराए के घर में रहती है और बिजली विभाग के कर्मचारी उसका पता जानते हैं। संयोग से हैदराबाद की एक पत्रकार नवीना ने कहा कि जब से उसने बिजली कटौती के बारे में ऑनलाइन शिकायत की है, तब से वह एक चिंतित हो गई हैं।

एक अन्य ट्वीट में रेवती ने तेलंगाना पुलिस की चुनिंदा प्रतिक्रिया पर सवाल उठाया, क्योंकि उन्होंने अपनी दो शिकायतों पर उनकी प्रतिक्रिया को उजागर किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एक छिपी हुई धमकी जारी करके जवाब दिया। बाद में उसी के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। सीएम के भाई के खिलाफ उनकी दूसरी शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया।

महिला पत्रकार के अनुसार, 12 जून 2024 को सैयद सलीम नामक व्यक्ति पर राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के भाई तिरुपति रेड्डी के गुर्गों ने कथित तौर पर हमला किया था।

FIR में उल्लेखित विवरण

रेवती द्वारा साझा की गई FIR की कॉपी के अनुसार, पुलिस को 19 जून 2024 की तड़के एलबी नगर क्षेत्र में कार्यरत एक सहायक अभियंता एम दिलीप (33) से शिकायत मिली। शिकायतकर्ता ने कहा कि 18 जून की शाम करीब 5 बजे उन्हें अपने उच्च अधिकारियों से एक मैसेज मिला था।

उन्होंने आगे कहा कि उच्च अधिकारियों ने कहा कि एक्स हैंडल @revathitweets ने एक मैसेज पोस्ट किया है कि एलबी नगर क्षेत्र में 7 घंटे से बिजली बाधित है। हालाँकि, सबस्टेशन की डाटा शीट की जाँच के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने पाया कि पिछले 6 महीनों में एलबी नगर क्षेत्र में 7 घंटे की बिजली कटौती की समस्या नहीं आई थी।

शिकायतकर्ता ने आगे कहा, “यह केवल एक झूठा आरोप है और जानबूझकर राज्य सरकार एवं उसके संगठन टीजीएसपीडीसीएल को बदनाम किया जा रहा है।” इसलिए, उन्होंने ट्विटर (एक्स) अकाउंट धारक @revathitweets के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। इसलिए एफआईआर दर्ज की जाए, एफआईआर कॉपी में जोड़ा गया।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने सीआर नंबर 662/2024 में धारा 505 आईपीसी और आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत मामला दर्ज किया और जाँच इंस्पेक्टर एल रामंजनेयुलु को सौंप दी गई। हैदराबाद के कई पत्रकारों-नेताओं और एक्स यूजर्स ने बिजली विभाग से संबंधित सार्वजनिक शिकायतों को फैलाने के लिए एक पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कॉन्ग्रेस की आलोचना की।

उनमें से कई लोगों ने तर्क दिया कि भले ही उसके दावे सच न हों, लेकिन बिजली विभाग द्वारा बिजली कटौती और उसके बाद बिजली विभाग के कर्मियों द्वारा ग्राहकों को परेशान करने के मुद्दों को उजागर करने पर आपराधिक मामला दर्ज करने के बजाय जवाबी कार्रवाई के साथ उन्हें स्पष्ट किया जा सकता था।

केसीआर मंत्रिमंडल में पूर्व मंत्री और बीआरएस नेता केटीआर ने पूछा कि क्या पुलिस विभाग ही ऊर्जा विभाग चला रहा है या फिर राज्य में पुलिस राज है।

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गाँधी के ‘खटाखट खटाखट’ मुफ्त चुनावी वादों पर कटाक्ष करते हुए लिखा, “कॉन्ग्रेस शासित तेलंगाना में लंबे समय तक बिजली कटौती की शिकायत करने पर महिला को परेशान किया गया।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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