तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने अपने और रुतबे को किनारे रखकर एक डॉक्टर के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर एक आईपीएस अधिकारी की जान बचाई। दरअसल, दिल्ली से हैदराबाद के लिए उड़ान भर चुकी इंडिगो एयरलाइंस में मौजूद तेलंगाना के सड़क सुरक्षा विभाग के डीजीपी कृपानंद त्रिपाठी उजेला की अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद फ्लाइट में इकलौती डॉक्टर राज्यपाल सुंदरराजन ने उनको अटेंड किया और उनकी जान बचाई।
कृपानंद त्रिपाठी आंध्र प्रदेश कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्हीं की जान गवर्नर ने बचाई है। इसके बारे में गवर्नर तमिलिसाई सुंदरराजन बताती हैं, “जब फ्लाइट बीच हवा में थी, तब एयर होस्टेस की ओर से पैनिक कॉल आई..क्या इस फ्लाइट में कोई डॉक्टर है? एक यात्री को काफी पसीना आ रहा था, मदद की पुकार सुनकर उसे देखने के लिए गई क्या अपच के लक्षण हैं?”
हैदराबाद पहुँचने के बाद आईपीएस अधिकारी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनके कई सारे टेस्ट किए गए और पता चला कि उन्हें डेंगू हो गया है। जाँच के दौरान पता चला कि डेंगू के कारण आईपीएस अधिकारी की प्लेटलेट्स काउंट गिरकर मात्र 14000 रह गई थी।
शनिवार (23 जुलाई, 2022) को उन्होंने कहा, “मैडम गवर्नर ने मेरी जान बचाई। उन्होंने एक माँ की तरह मेरी मदद की। अन्यथा, मैं अस्पताल भी नहीं पहुँच पाता।” उन्होंने आगे बताया, “जब मैडम गवर्नर ने मेरी हार्टबीट को मापा था, उस दौरान वो केवल 39 थी। उन्होंने मुझे आगे झुकने की सलाह दी और मुझे आराम करने में मदद की, जिससे मेरी साँसें स्थिर हुईं।”
उजेला कहते हैं, “अगर मैडम गवर्नर उस फ्लाइट में नहीं होतीं तो शायद मैं नहीं बच पाता। उन्होंने मुझे एक नया जीवन दिया।” उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश कैडर से ताल्लुक रखने वाले उजेला फिलहाल अतिरिक्त डीजीपी (सड़क सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं।
गवर्नर बनने पर खड़ा हो गया था विवाद
साल 2019 में केंद्र सरकार ने पेशे से डॉक्टर तमिलिसाई सुंदरराजन को तेलंगाना का गवर्नर बनाया था। उस दौरान राज्य की सत्तारुढ़ पार्टी के मुखिया और सीएम के चंद्र शेखर राव के पीआरओ ने एक लेख लिखकर सुंदरराजन की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपने लेख में लिखा था, “कैसे लिखूँ कि वो अपने पद का दुरुपयोग करेंगी।” पीआरओ वनम चंद्रशेखर राव ने गवर्नर की नियुक्ति को केंद्र के लिए ‘पॉलिटिकल रिहैबिलिटेशन’ करार दिया था।