प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनसे पूछे जाने वाले सवाल आए दिन चर्चा का विषय बने रहते हैं। इसमें विपक्ष समेत कई बड़े मीडिया हाउस यह बताने का भरसक प्रयास करते हैं कि पीएम मोदी सवालों के जवाब नहीं देते या उनसे जो सवाल पूछे जाते हैं उनमें किसानों की समस्या और रोज़गार जैसे विषयों से संबंधित कठिन सवाल शामिल नहीं होते। दावा तो यहाँ तक किया जाता है कि पीएम मोदी के साक्षात्कार में केवल हँसी-ठिठोली, मनोरंजन और उनकी पसंद के व्यंजनों से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।
विपक्ष की यह पुरज़ोर कोशिश रहती है कि पीएम मोदी द्वारा दिए गए साक्षात्कार में उन्हें किस तरह बेवजह के मुद्दों पर घेरा जा सके। इनमें कुछ मीडिया संस्थान और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं जिन्हें दुष्प्रचार करने में महारत प्राप्त है। ऐसा ही एक नाम क्विंट के संस्थापक राघव बहल का भी है जिन्होंने हाल ही में राहुल गाँधी का साक्षात्कार लिया।
Although we persisted in asking @RahulGandhi how flexible he would be in forming an alliance, the fact that he deftly pointed towards the voters shows he is becoming a consummate politician!#Elections2019
— Raghav Bahl (@Raghav_Bahl) May 17, 2019
Watch our full interview on @TheQuint: https://t.co/Fy6ta8gj1D pic.twitter.com/HhpIsVyQwH
यूँ तो राघव ने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से कई मुद्दों पर पर बातचीत की, इनमें कई मुद्दे शामिल थे। राहुल गाँधी के इस साक्षात्कार का वीडियो जब सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर आया तो कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति दर्ज की। इस साक्षात्कार में पत्रकार राघव बहल ने अपनी चतुराई का खुला प्रदर्शन करते हुए राहुल गाँधी से वो सवाल नहीं पूछे जिनके जवाब देश की जनता जानना चाहती है। वो कुछ सवाल इस प्रकार हैं, जो अब पत्रकार राघव से पूछे जा रहे हैं।
क्या आपने 30 हज़ार करोड़ रुपए के आंकड़े के बारे में सवाल पूछा?
क्या आपने मोदी के उस “नए कानून” के बारे में पूछा जिसके तहत आदिवासियों को सीधे गोली मारी जा सकती है?
क्या आपने उनसे NYAY योजना के बारे में पूछा?
क्या आपने उनसे अलवर गैंग रेप को रोकने के लिए कहा?
क्या आपने उनसे अमेठी में हुए काम के बारे में पूछा?
क्या आपने नेशनल हेराल्ड और अगस्ता वेस्टलैंड के बारे में पूछा?
क्या राहुल गाँधी से यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि सिख दंगों के आरोपी कमलनाथ को मुख्यमंत्री क्यों बना दिया गया?
• Did u ask him abt 30k crores imaginary figure
— Abhishek Sinha अभिषेक ?? (@abhisinha948) May 18, 2019
• Did u ask him abt the ” new law ” which Modi introduced for the tribals , sidhe goli maar di jayegi
• Did u ask him about NYAY plannings
• Did u ask him abt Alwar Gang rape
• Did u ask him abt his Amethi’s work
ऐसे में यह कहने और स्वीकारने में गुरेज नहीं होनी चाहिए कि मीडिया गिरोह के निशाने पर केवल पीएम मोदी रहते हैं, जिनकी केवल आलोचना करना ही मीडिया गिरोह का एकमात्र ध्येय रहता है। जहाँ एक तरफ साक्षात्कार के नाम पर राहुल गाँधी से ‘समोसे के स्वाद’ और ‘गुड़ से बनी जलेबियों’ के बारे में सवाल पूछे जाते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ वो इस बात से भी खासे दु:खी हैं कि पीएम मोदी से कोई कठिन सवाल क्यों नहीं पूछता।
यहाँ जानकारी के लिए यह बताना ज़रूरी है कि प्रधानमंत्री मोदी से राजनीतिक और गै़र-राजनीतिक दोनों तरह के साक्षात्कार लिए गए। हाल में तो लगभग हर बड़े मीडिया संस्थान ने उनका साक्षात्कार लिया। लेकिन अगर हम कठिन सवालों भरे साक्षात्कार का रुख़ करें तो न्यूज़ एजेंसी ANI की पत्रकार स्मिता प्रकाश ने पीएम मोदी से एक घंटे से भी अधिक समय तक एनडीए सरकार की आर्थिक नीतियों, विमुद्रीकरण, जीएसटी और अन्य सभी चुनौतियों से जुड़े सवाल पूछे थे, जिन्हें सरल तो नहीं कहा जा सकता था। वहीं राहुल गाँधी ने इस साक्षात्कार को “व्यवहारिकता वाली पत्रकारिता” का नाम दिया था।