चुनाव आयोग (EC) ने तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के नेता अनुब्रत मंडल को कड़ी निगरानी में रखने का निर्देश दिया है। वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं। आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए यह निर्देश दिया है। मंडल 27 अप्रैल की शाम 5 बजे से 30 अप्रैल की सुबह 7 बजे तक कार्यकारी मजिस्ट्रेट और सीएपीएफ को कड़ी निगरानी में रहेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह निर्णय मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ‘मंडल के खिलाफ कई शिकायतें’ मिलने के बाद लिया है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजे पत्र में कहा गया है, “विभिन्न स्रोतों से प्राप्त फीडबैक और डीईओ तथा एसपी, बीरभूम की रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने निर्देश दिया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए AITC, बीरभूम के जिलाध्यक्ष मंडल को कार्यकारी मजिस्ट्रेट और सीएपीएफ की कड़ी निगरानी में रखा जाए।”
Election Commission asks West Bengal Chief Electoral Officer to keep Anubrata Mondal, Birbhum TMC president, under ‘strict surveillance of executive magistrate & CAPF, round the clock for 5 pm of April 27 till 7 am of April 30 for ensuring free & fair elections’ pic.twitter.com/OVimJuJiL5
— ANI (@ANI) April 27, 2021
इसके अवधि के दौरान ‘तिथिके साथ’ वीडियोग्राफी की जाएगी। बीरभूम में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के आठवें और अंतिम चरण में मतदान होगा।
यह पहली बार नहीं है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान अनुब्रत मंडल को निगरानी में रखा गया है। उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव और 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी निगरानी में रखा गया था। 2019 में मंडल को मतदान के दौरान एक बूथ से दूसरे बूथ जाने पर कर्मियों को खतरा होने की आशंका के चलते निगरानी में रखा गया था।
गौरतलब है जुलाई 2013 में मंडल ने बीरभूम में एक सार्वजनिक सभा में समर्थकों को पुलिस पर बम फेंकने और पंचायत चुनावों में टीएमसी के बागी उम्मीदवारों के घरों को जलाने के लिए उकसाया था। सितंबर 2018 में वह कैमरे में कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं को पार्टी के एक बागी नेता और एक महिला भाजपा नेता को भांग रखने के झूठे मामले में फँसाने का निर्देश देते हुए पकड़े गए थे।