Friday, November 8, 2024
Homeराजनीतिजीत की आहट में कोरोना भूले, बंगाल-तमिलनाडु में TMC-DMK के कार्यकर्ता मना रहे जश्न:...

जीत की आहट में कोरोना भूले, बंगाल-तमिलनाडु में TMC-DMK के कार्यकर्ता मना रहे जश्न: ECI के आदेश को ठेंगा

तमिलनाडु में DMK सुप्रीमो स्टालिन ने अपील की थी कि कोई भी कार्यकर्ता या नेता जश्न मनाने के लिए सड़कों पर नहीं निकलें। लेकिन पार्टी के मुख्यालय पर ही उनकी इस सलाह को धता बताया जा रहा है। वहाँ जम कर पटाखे भी फोड़े गए।

जिन 5 राज्यों में आज रविवार (मई 2, 2021) को चुनाव परिणाम आ रहे हैं, उनमें से पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु दो सबसे बड़े राज्य हैं। दोनों ही जगह से फिलहाल जीतती दिख रही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटा कर जश्न मनाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। जहाँ चेन्नई में पार्टी मुख्यालय के सामने ही DMK कार्यकर्ताओं की भीड़ जश्न मनाते देखी गई, वहीं कोलकाता के कालीघाट से TMC वालों की ऐसी ही हरकत करते हुए तस्वीरें आईं है।

तमिलनाडु में DMK सुप्रीमो स्टालिन ने अपील की थी कि कोई भी कार्यकर्ता या नेता जश्न मनाने के लिए सड़कों पर नहीं निकलें। लेकिन पार्टी के मुख्यालय पर ही उनकी इस सलाह को धता बताया जा रहा है। वहाँ जम कर पटाखे भी फोड़े गए। बड़ी संख्या में महिलाएँ एवं पुरुष एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हुए दिखे। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी AIADMK ने भी अपने कार्यकर्ताओं को ऐसी ही सलाह दे रखी है।

वहीं कोलकाता के कालीघाट से भी ऐसी ही एक वीडियो आई, जिसमें तृणमूल कॉन्ग्रेस के समर्थक जम कर नारेबाजी करते हुए पार्टी को मिली बढ़त का जश्न मना रहे हैं। चुनाव आयोग ने इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए पाँचों राज्यों के अधिकारियों से कहा है कि वो ऐसी प्रत्येक घटनाओं के मामले में FIR दर्ज करें। चुनाव आयोग ने जश्न मनाने की इन घटनाओं को लेकर इन राज्यों के मुख्य सचिवों को विशेष निर्देश दिए हैं।

पश्चिम बंगाल के ही आसनसोल से भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, जहाँ पार्टी का झंडा लेकर TMC कार्यकर्ता सड़कों पर जश्न मनाते हुए दिखे। बता दें कि मद्रास हाई कोर्ट ने ECI को फटकारते हुए कहा था कि रैलियों की अनुमति देने के लिए उसके अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलना चाहिए। साथ ही 2 मई की मतगणना रोकने की भी चेतावनी दी थी। ECI हाई कोर्ट के इस बयान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया है।

चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान या इसके बाद होने वाले किसी भी प्रकार के जश्न पर पाबंदी लगा दी थी। सभी दलों से कहा गया था कि वो सड़क पर निकल कर भीड़ न जुटाएँ। देश में कोरोना वायरस संक्रमण की बढ़ती घटनाओं को लेकर चहुँओर से घिरे चुनाव आयोग की आलोचना कई विपक्षी दलों ने भी की थी। इन सबके बावजूद विभिन्न राज्यों में बढ़त में दिख रही पार्टी के कार्यकर्ता मानने को तैयार नहीं दिख रहे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

रवीश जी मुरझा नहीं गया है मिडिल क्लास, पर आपका जो सूजा है उसका दर्द खूब पहचानता है मिडिल क्लास: अब आपके कूथने से...

रवीश कुमार के हिसाब से देश में हो रही हर समस्या के लिए हिंदू इसलिए जिम्मेदार है क्योंकि वो खुद को हिंदू मानता है।

अब ‘डिग्री’ वाले मौलवी नहीं होंगे पैदा, पर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना कितना जायज: क्या मदरसा एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के...

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च शिक्षा से संबंधित फाजिल और कामिल पर मदरसा अधिनियम के प्रावधान असंवैधानिक हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -