Thursday, April 25, 2024
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BJP में शामिल हुईं तीन तलाक के लिए आवाज उठाने वाली सायरा बानो, कहा- पार्टी का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण से प्रभावित

उत्तराखंड की रहने वाली सायरा बानो ने ही पहली बार तीन तलाक (Triple Talaq), बहुविवाह (Polygamy) और निकाह हलाला पर प्रतिबंध लगाने की माँग करते हुए फरवरी, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी।

तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कानूनी जंग लड़ने वाली सायरा बानो ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर जिले की रहने वाली सायरा बानो ने प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत की मौजदूगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की।

सायरा बानो देश की पहली मुस्लिम महिला हैं, जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उत्तराखंड की रहने वाली सायरा बानो ने ही पहली बार तीन तलाक (Triple Talaq), बहुविवाह (Polygamy) और निकाह हलाला पर प्रतिबंध लगाने की माँग करते हुए फरवरी 23, 2016 में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी। इस कानूनी लड़ाई में उन्हें जीत हासिल हुई।

बीजेपी में शामिल होने पर सायरा बानो ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी की नीतियों से प्रेरित होकर वो पार्टी में शामिल हुईं हैं। वो महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी। बीजेपी में शामिल होने पर प्रतिक्रिया देते हुए सायरा बानो ने पीटीआई से कहा, “बीजेपी का मुस्लिम महिलाओं के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण और जिस प्रतिबद्धता के साथ समावेशी विकास के दरम्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ट्रिपल तलाक मुद्दे पर काम किया, उसने मुझे पार्टी में शामिल होने के लिए आकर्षित किया।”

उत्‍तराखंड के ऊधम स‍िंह नगर की रहने वाली सायरा बानो (38) कहती हैं कि वह अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के बीच बीजेपी के बारे में मौजूद ग़लतफ़हमियाँ दूर करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने और उच्च शिक्षा तक पहुँच से वंचित करने जैसे अन्याय से छुटकारा पाने के लिए भाजपा में शामिल हुई।

बानो ने यह भी कहा कि वह भाजपा के बारे में गलत धारणाओं को तोड़ने की कोशिश करेंगी कि यह अल्पसंख्यक विरोधी है। उन्होंने कहा, “मैं अल्पसंख्यकों के प्रति पार्टी के निष्पक्ष इरादों में विश्वास करती हूँ। पार्टी के अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने की गलत धारणा को तोड़ दिया जाना चाहिए।”

जब सायरा से पूछा गया कि क्‍या वह चुनाव लड़ेंगी तो उनका कहना था कि वह चुनाव लड़ने के मकसद से बीजेपी में नहीं आई हैं लेकिन अगर बीजेपी उन्‍हें टिकट देगी तो वह इनकार नहीं करेंगी। सायरा ने कहा, “मेरी पार्टी मुझसे जो कहेगी वह मैं करूँगी।”

इस मौके पर भगत ने कहा, “ऐसी सशक्‍त महिला जो सदियों पुरानी कुप्रथा को बदलने की क्षमता रखती है वह पार्टी को ऊँचाइयों तक ले जाएगी। सायरा को सफल भविष्‍य की शुभकामनाएँ, उम्‍मीद है कि जिस निष्‍ठा से उन्‍होंने अपने हक की लड़ाई लड़ी उसी लगन से वह पार्टी के लिए भी काम करेंगी।”

इससे पहले सायरा कई बार बीजेपी में शामिल होने की इच्छा जाहिर कर चुकी थीं। इस पर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आईं। एक तरफ जहाँ बीजेपी ने उनके इस बयान का स्वागत किया था, तो वहीं दूसरी ओर कॉन्ग्रेस ने इसे मुस्लिम महिला वोटर्स को लुभाने के लिए बीजेपी का राजनीतिक कदम करार दिया था।

बता दें कि सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ट्रिपल तलाक और निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। साथ ही, उनकी याचिका में मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत बताते हुए उसे खत्म करनी की माँग की गई थी।

सायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके ट्रिपल तलाक के साथ ही निकाह हलाला के चलन की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने मुस्लिमों में प्रचलित बहुविवाह प्रथा को भी गलत करार देते हुए इसे खत्म करने की माँग उठाई थी। सायरा का तर्क था कि तीन तलाक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 के तहत मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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