Thursday, March 28, 2024
Homeराजनीतिलेटरहेड पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल: पूर्व त्रिपुरा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पर FIR

लेटरहेड पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल: पूर्व त्रिपुरा कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पर FIR

भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा- 3 के तहत इस पर रोक लगाई गई है। अगर कोई प्रतीक चिह्न का गलत इस्तेमाल करता है तो इस अधिनियम की धारा- 7 में दो साल तक की सजा और पाँच हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

त्रिपुरा कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गोपाल चंद्र रॉय के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। नॉर्थ त्रिपुरा के बनमालीपुर सीट से विधायक रहे रॉय पर यह कार्रवाई अपने लेटरहेड पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल करने को लेकर की गई है। वे पेशे से वकील हैं और फिलवक्त प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति के सलाहकार हैं। वह अगरतला से छपने वाले समाचार पत्र गणेशंबद पत्रिका के मालिक और संपादक भी हैं।

रॉय के लेटरहेड में देखा जा सकता है कि फिलहाल वो किसी आधिकारिक पद पर नहीं हैं। बावजूद वह अपने लेटरहेड पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेटरहेड पर उल्लेख है कि वे त्रिपुरा कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं। त्रिपुरा ओलंपिक संघ के अध्यक्ष हैं। कॉन्ग्रेस विधायक दल के पूर्व नेता, त्रिपुरा उच्च न्यायालय में अधिवक्ता और गणेशंबद पत्रिका के मालिक एवं संपादक हैं। बता दें कि इनमें से कोई भी पद उन्हें कानून के अनुसार राष्ट्रीय प्रतीक का उपयोग करने के लिए अधिकृत नहीं करता है।

दरअसल राष्ट्रीय प्रतीक भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करता है। भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 के अंतर्गत किसी व्यक्ति और निजी संगठन के लिए इसका उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। आधिकारिक पत्राचार के लिए किसी व्यक्ति या निजी संगठन को प्रतीक का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

यह प्रतीक भारत सरकार के आधिकारिक लेटरहेड का एक हिस्सा है। सभी भारतीय मुद्रा पर भी यह होता है। यह कई स्थानों पर भारत के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में भी कार्य करता है और भारतीय पासपोर्ट पर प्रमुख रूप से होता है। कोई निजी व्यक्ति, संस्था या राजनीतिक दल राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकता। भारत के राज्य प्रतीक (अनुचित प्रयोग का निषेध) अधिनियम, 2005 की धारा- 3 के तहत इस पर रोक लगाई गई है। अगर कोई प्रतीक चिह्न का गलत इस्तेमाल करता है तो इस अधिनियम की धारा- 7 में दो साल तक की सजा और पाँच हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

जनवरी 2017 में बीजेपी नेता और विराट हिंदुस्तान संगम (VHS) के संस्थापक सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर खुलासा किया था कि उन्होंने सूचना और प्रसारण मंत्रालय को एक पत्र लिखकर अर्णब गोस्वामी द्वारा कानून के उल्लंघन को लेकर आगाह किया था। टाइम्स नाउ के पूर्व एडिटर अर्णब ‘रिपब्लिक’ नाम से अपना वेंचर शुरू करने वाले थे। इसी शब्द के इस्तेमाल को लेकर स्वामी ने आगाह किया था। बाद में कानूनी पचड़े से बचने के लिए अर्णब ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के नाम से चैनल शुरू किया।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

गिरफ्तारी के बाद भी CM बने हुए हैं केजरीवाल, दिल्ली हाई कोर्ट का दखल देने से इनकार: कहा – कानूनी प्रावधान दिखाओ, ये कार्यपालिका...

याचिका में आशंका जताई गई थी कि केजरीवाल के CM बने रहने से कानूनी कार्यवाही में बाधा आएगी, साथ ही राज्य की संवैधानिक व्यवस्था भी चरमरा जाएगी।

‘न्यायपालिका पर दबाव बना रहा एक खास गुट, सोशल मीडिया पर करता है बदनाम’: हरीश साल्वे समेत सुप्रीम कोर्ट के 600+ वकीलों की CJI...

देशभर के 600 से ज्यादा वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। वकीलों का कहना है कि न्यायपालिका पर उठते सवाल और अखंडता को कमजोर करने के प्रयासों को देखते हुए वो चिंतित हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
418,000SubscribersSubscribe