पेंडुलम एक यंत्र होता है, जिसमें धागे से बंधी गेंद या गोला लगातार दो सिरों के बीच झूलता रहता है। शिव सेना आजकल वही गोला बनी हुई है। बाला साहेब के हिंदुत्व और अपनी नई संगिनी कॉन्ग्रेस के बीच झूलती पार्टी विचारधारा के मुद्दों पर लगातार यूटर्न ले रही है।
ताज़ा यूटर्न पार्टी सुप्रीमो उद्धव ठाकरे का मीडिया में घूम रहा वह बयान है, जिसमें नागरिकता संशोधन विधेयक के राज्यसभा में समर्थन के लिए वे ना-नुकुर कर रहे हैं। बकौल समाचार एजेंसी एएनआई, महाराष्ट्र के मुख़्यमंत्री और महा विकास अघाड़ी के सदस्य ठाकरे ने कहा है कि उनकी पार्टी इस बिल का समर्थन (राज्यसभा में) तब तक नहीं करेगी, जब तक “चीज़ें स्पष्ट नहीं हो जाएँगी।”
Maharashtra CM Uddhav Thackeray: We will not give support to the Bill (Citizenship Amendment Bill) unless things are clear. pic.twitter.com/v06hdA0W9O
— ANI (@ANI) December 10, 2019
इस बयान पर आपत्तियाँ मुख्यतः दो कारणों से उठ रहीं हैं। पहला तो कॉमन सेंस का है। अगर शिव सेना को बिल के मसौदे से कोई समस्या थी, तो उसने वह दिक्कतें लोक सभा में क्यों नहीं उठाईं? क्यों उसके 18 सांसदों ने उस कॉन्ग्रेस को नाराज करने का जोखिम लेता दिखने की कोशिश की, जो शिव सेना की अघाड़ी सरकार की ऑक्सीजन भी है, और इस बिल के सख्त खिलाफ भी?
आपत्ति का दूसरा कारण राजनीतिक है। जब शिव सेना यह दिखाने की कोशिशों में लगी थी कि उसने एनडीए छोड़ा है, हिंदुत्व नहीं, और इसी के लिए नागरिकता विधेयक के समर्थन का दावा कर रही थी, तो उस समय “चीज़ें स्पष्ट” का सवाल कहाँ चला गया था?
शिव सेना साफ़ तौर पर सत्ता की मलाई तुरंत न छूट जाने और विचारधारा से मिलने वाले वोटों की मलाई लम्बे समय तक चाटने, दोनों के एक साथ जुगाड़ के चक्कर में ही बेहाल है। पहले ANI शिव सेना नेता अरविन्द सावंत के हवाले से विधेयक का समर्थन करने के आशय का बयान प्रकाशित करती है, जिसमें लोकसभा वाला हिंदुत्व और राष्ट्रवाद वाला ही रुख पार्टी द्वारा राज्यसभा में भी बनाए रखने की बात साफ़ तौर पर है।
Arvind Sawant, Shiv Sena on if the party will support CAB (Citizenship Amendment Bill) in Rajya Sabha after supporting it in Lok Sabha: Alag alag bhumika hoti kya humari? Rashtra ki hith ki bhumika lekar Shiv Sena khadi rehti hain, yeh kisi ki monopoly nahi hai. pic.twitter.com/9c3wHW6Uj5
— ANI (@ANI) December 10, 2019
लगभग उसी समय सावंत के बॉस (उद्धव) के भी ‘बॉस’ राहुल गाँधी विधेयक का समर्थन करने वालों को देशद्रोही करार देने की कोशिश करते हैं।
The #CAB is an attack on the Indian constitution. Anyone who supports it is attacking and attempting to destroy the foundation of our nation.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 10, 2019
यह सर्वविदित है कि वैसे ही राहुल गाँधी इस बेमेल गठबंधन के खिलाफ थे, और उनकी माँ और कॉन्ग्रेस अध्यक्षा सोनिया गाँधी के मान जाने के कारण ही यह सम्भव भी हो पाया था। उसी के बाद शिव सेना फिर से गुलाटी मारती है, और उद्धव ठाकरे को “चीज़ें स्पष्ट नहीं” दिखने लगतीं हैं।
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