Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिमी, उद्धव बालासाहेब ठाकरे, महाराष्ट्र राज्याचा मुख्यमंत्री: हिंदूवाद को ना, मराठी माणूस को हाँ,...

मी, उद्धव बालासाहेब ठाकरे, महाराष्ट्र राज्याचा मुख्यमंत्री: हिंदूवाद को ना, मराठी माणूस को हाँ, राहुल-सोनिया नदारद

जहाँ साथ में सरकार बनाने के बावजूद सोनिया-राहुल ने उद्धव के शपथ ग्रहण में आना ज़रूरी नहीं समझा, वहीं नाराज़ चल रहे चचेरे भाई और उद्धव के प्रमोशन से ही बिफर कर शिव सेना छोड़ने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे....

महा विकास अघाड़ी के विधायक दल के नेता के रूप में शिव सेना सुप्रीमो उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र के 18वें मुख़्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है। वे अपनी पार्टी से तीसरे (मनोहर जोशी और नारायण राणे के बाद) और महाराष्ट्र पर मज़बूत पकड़ रखने वाले अपने परिवार के पहले मुख्यमंत्री हैं।

रणभेरी और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शिवाजी पार्क में हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा शपथ और पदभार ग्रहण करने के लिए बुलाए जाने पर मराठी माणूस राजनीति के खुल कर पैरोकार बने उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के चरण स्पर्श किए, और उसके बाद मराठी में ही शपथ ली। उन्होंने अपनी सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम में भी 80% नौकरियों का आरक्षण स्थानीय और मराठी युवाओं के लिए करने का ऐलान किया हुआ है

अपनी शपथ में पहला शब्द ही हिन्दू पदपादशाही के नायक “छत्रपति शिवाजी” के नाम को रखने वाले महाराष्ट्र के माननीय मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस बेमेल गठबंधन का औचित्य जनता के सामने साबित करने का होगा। लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है कि इस चुनौती में उनके नए-नए संगी बने कॉन्ग्रेस नेता उनकी अधिक सहायता करेंगे। कॉन्ग्रेस के दोनों ही आलाकमान सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी ने उनके शपथ ग्रहण से किनारा कर लिया है। दोनों ने महज़ पत्र लिखकर उन्हें शुभकामना देने और सहयोग के आश्वासन की खानापूर्ति कर डाली।

और यह हाल तब है जब उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे खुद सोनिया गाँधी को न्यौता देने गए थे।

जहाँ साथ में सरकार बनाने के बावजूद सोनिया-राहुल ने उद्धव के शपथ ग्रहण में आना ज़रूरी नहीं समझा, वहीं नाराज़ चल रहे चचेरे भाई और उद्धव के प्रमोशन से ही बिफर कर शिव सेना छोड़ने वाले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे भाई के लिए महत्वपूर्ण मौके पर मौजूद रहे।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe