Saturday, July 27, 2024
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विधायकों के बाद अब शिवसेना के सांसदों में भी फूट, उद्धव ठाकरे की बैठक में नहीं पहुँचे 7 सासंद: करते रह गए इंतजार

उद्धव की बुलाई बैठक में गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत, विनायक राउत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने, ओमराजे निंबालकर, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और राहुल शेवाले समेत 12 सांसद ही पहुँचे।

महाराष्ट्र की सत्ता गँवा चुके शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को जल्द ही एक और बड़ा झटका लग सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने सोमवार (11 जुलाई 2022) को मातोश्री में शिवसेना सांसदों की बैठक बुलाई, जिसमें 19 में से केवल 12 सांसद ही पहुँचे। काफी देर इंतजार करने के बाद भी 7 सांसद बैठक में नहीं पहुँचे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही शिवसेना के कुछ और सांसद पाला बदल सकते हैं। हालाँकि, इससे पहले भी ऐसी खबरें सामने आ चुकी हैं, जब कुछ सांसदों ने उद्धव ठाकरे से एकनाथ गुट से सुलह करने की सिफारिश की थी।

बताया जा रहा है कि उद्धव की बुलाई बैठक में गजानन कीर्तिकर, अरविंद सावंत, विनायक राउत, हेमंत गोडसे, धैर्यशील माने, ओमराजे निंबालकर, राजेंद्र गावित, राजन विचारे और राहुल शेवाले समेत 12 सांसद ही पहुँचे। बाकी सांसद बैठक में नहीं पहुँचे।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले उद्धव ठाकरे ने आज अपने 15 विधायकों को एक भावुक पत्र लिखा। इसमें चिट्ठी में उन्होंने संकटकाल में भी पार्टी के प्रति निष्ठा और उन पर विश्वास दिखाने के लिए विधायकों को धन्यवाद कहा था। पत्र में उद्धव ने लिखा था, “किसी भी धमकी और प्रलोभन के चक्कर में न पड़ते हुए आप सभी एकनिष्ठ रहे और शिवसेना को बल दिया, इसके लिए धन्यवाद। माता जगदंबा आपको हमेशा स्वस्थ रखे, ये प्रार्थना करता हूँ।”

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले पर सोमवार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उद्धव गुट की तरफ से जहाँ सुनील प्रभु सुप्रीम कोर्ट पहुँचे और अयोग्यता वाले मामले पर सुनवाई की माँग की। वहीं विधानसभा सचिवालय के प्रधान सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देकर कहा था कि राहुल नार्वेकर स्पीकर बने हैं और उन्हें ही अयोग्यता के मामले पर सुनवाई करने दिया जाएगा। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमण ने सॉलिसिटर जनरल से महाराष्ट्र विधानसभा नए अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर को सूचित करने के लिए कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका पर फैसला नहीं किया जाता है, तब तक कोई निर्णय न लें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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