उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार (16 दिसंबर 2021) को विपक्षी दलों, खासतौर से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इस देश को न साम्यवाद चाहिए, न समाजवाद चाहिए, इस देश को केवल रामराज्य चाहिए। कुछ ही महीनों बाद उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले विधानसभा के अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने यह बात कही।
इस देश को न साम्यवाद चाहिए, इस देश को न समाजवाद चाहिए
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 17, 2021
इस देश को केवल राम राज्य चाहिए… pic.twitter.com/bgcFO2r71S
उन्होंने आगे कहा, “रामराज्य का मतलब जो सार्वकालिक है, सार्वदेशिक है, सार्वभौमिक है और काल-परिस्थिति से प्रभावित हुए बिना शाश्वत है, वही रामराज्य है। हमने जो कहा था, सो करके दिखा दिया।” सीएम योगी ने कहा कि आचार्य रजनीश आधुनिक युग के बहुत चर्चित दार्शनिक थे और उन्होंने बहुत अच्छी बातें कही थी। सीएम योगी ने कहा, “आचार्य रजनीश ने कहा था कि समाजवाद अमीरों को गरीब बनाता है, गरीबों को गुलाम बनाता है, बुद्धिजीवियों को बेवकूफ बनाता है। केवल अपने स्वार्थ के लिए अपने नेताओं को शक्तिशाली बनाता है।”
सीएम योगी कहते हैं, “आज के युग का जो सबसे बड़ा अंधविश्वास है, वह समाजवाद है और इसके कई बहुरूपिया ब्रांड हैं। ये अच्छे काम का स्वागत नहीं कर सकते हैं। इनको ये लगता है कि किसी माफिया को गले लगाएँगे तो न जाने स्वर्ग की कितनी हुरियाँ मिल गई हों। इनके लिए माफिया ही सब कुछ हैं। ऐक्शन के माध्यम से करोड़ों हिंदुओं का कत्लेआम कराने वाला जिन्ना भारत का आदर्श कभी नहीं हो सकता है। निर्दोष लोगों का हत्यारा है वो, लेकिन अपने क्षणिक वोट बैंक के जिन्ना को महिमामंडित करना…. इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ भी नहीं है।”
परिवारवाद को लेकर समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सीएम योगी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को याद किया। सीएम योगी ने कहा, “स्वर्गीय चंद्रशेखर जी ने अपने रहते-रहते अपने पुत्रों को, अपने परिवार को कभी राजनीति में नहीं सक्रिय होने दिया था। परिवार के लिए कोई जगह नहीं थी। संतति और संपत्ति से समाजवादी को दूर रहना चाहिए।”
सीएम ने कहा, “हमने तो जनता को जनार्दन माना है। हमने तो हमेशा उसको सिर-आँखों पर बैठाया है। ये कभी हुआ कि देश का प्रधानमंत्री रात के 1:30 बजे सड़कों पर उतर कर गरीब जनता की सुविधा को देख रहा होगा। किसी ने देखा कभी इस बात को। परिवारवादी समाजवाद, माफियावादी समाजवाद, अराजकतावादी समाजवाद, दंगावादी समाजवाद, आतंकवादी समाजवाद, ये सभी जो बहुरूपिए ब्रांड हैं। प्रदेश की जनता भी इस चीज को मानने लग गई है कि समाजवाद एक रेड अलर्ट है और इस रेड अलर्ट से अब मुक्ति मिलनी ही चाहिए।”