Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीतिवो सफाईकर्मी बने MLA जो लॉकडाउन में रिक्शाचालकों के लिए 'पूड़ी-सब्जी' की गाड़ी लेकर...

वो सफाईकर्मी बने MLA जो लॉकडाउन में रिक्शाचालकों के लिए ‘पूड़ी-सब्जी’ की गाड़ी लेकर चलते थे: बोले धनघटा से जीते गणेश चंद्र चौहान- यह BJP में ही संभव

“कोरोना महामारी के दौरान मैं रिक्शा चलाने वालों के लिए गाड़ी में ‘पूड़ी-सब्जी’ लाया करता था। बिहार के कई लोग संत कबीर नगर में रहते हैं। मुझे जब टिकट मिला तो लोग मुझसे मिलने आए। वे लोग बहुत भावुक थे। मेरी जीत होते ही रिक्शावालों ने मुझे उठा लिया था।”

उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर जिले की धनघटा सीट से एक सफाई कर्मचारी विधायक चुने गए हैं। ये हैं, बीजेपी के गणेश चंद्र चौहान (Ganesh Chandra Chauhan)। उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार अलगू प्रसाद को 10,553 वोटों से हराया है। गणेश चंद्र ने अपनी जीत के बाद कहा है कि उन जैसी पृष्ठभूमि के व्यक्ति का विधायक बनना बीजेपी में ही संभव है।

नतीजों के बाद गणेश चौहान ने पार्टी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मुझे टिकट देकर बीजेपी ने संकेत दिया है कि बेहद साधारण व्यक्ति भी सत्ता के शीर्ष तक पहुँच सकता है।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इलाहाबाद (प्रयागराज) में सफाईकर्मियों का सम्मान किया। उन्होंने सफाईकर्मियों के पैर धोए और संदेश दिया कि सफाईकर्मी किसी से कम नहीं हो सकते। अगर वे समाज की गंदगी साफ कर रहे हैं तो यह दिखाता है कि वे निश्चित तौर पर महान हैं।” 

गणेश ने अपने सफर के बारे में बताते हुए कहा, “कोरोना महामारी के दौरान मैं रिक्शा चलाने वालों के लिए गाड़ी में ‘पूड़ी-सब्जी’ लाया करता था। बिहार के कई लोग संत कबीर नगर में रहते हैं। मुझे जब टिकट मिला तो लोग मुझसे मिलने आए। वे लोग बहुत भावुक थे। मेरी जीत होते ही रिक्शावालों ने मुझे उठा लिया था।”

सफाईकर्मी से सियासत तक का सफर

गणेश चौहान का राजनीति में आने का सफर बेहद दिलचस्प रहा। पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं। चौहान ने ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की और कमाई के लिए मजदूरी के काम में जुट गए। इस दौरान वह RSS के साथ जुड़े। 2009 में आई सफाई कर्मी की वैकेंसी में उनकी नियुक्ति हो गई, अपने वर्ग में पढ़े लिखे और तेज तर्रार होने के चलते 2009 में ही वह सफाई कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष बन गए। यहाँ से उन्होंने राजनीति में अपना रास्ता बनाने की ठान ली।

साल 2010 में गणेश चौहान ने अपने पिता को जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया। वो तीसरे नंबर पर आए। लेकिन गणेश ने हार नहीं मानी। 2014 में वह सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश संगठन मंत्री बन गए। गणेश ने 2017 में भी बीजेपी से विधानसभा चुनावों में टिकट की माँग कर रहे थे, लेकिन उस बार नहीं मिला। 2021 में उन्होंने अपनी पत्नी को ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़वाया, लेकिन सिर्फ 3 वोट से वह हार गईं। 2022 के विधानसभा चुनावों में टिकट मिलने के बाद उन्होंने सफाई कर्मचारी पद से इस्तीफा दे दिया और चुनाव में जबरदस्त जीत दर्ज की।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों...

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

कॉन्ग्रेसी दानिश अली ने बुलाए AAP , सपा, कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ता… सबकी आपसे में हो गई फैटम-फैट: लोग बोले- ये चलाएँगे सरकार!

इंडी गठबंधन द्वारा उतारे गए प्रत्याशी दानिश अली की जनसभा में कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe