Monday, September 9, 2024
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1 करोड़ लोगों से ₹25000 करोड़ की ठगी: TMC के पूर्व सांसद के खिलाफ UP सरकार एक्शन में, CBI जाँच की सिफारिश

कानपुर पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मामले की जाँच CBI को भेजी जा रही है। कानपुर पुलिस ने इसे विशेष अपराध बताते हुए कहा है कि देश भर में करीब 1 करोड़ लोगों से ₹25,000 करोड़ की ठगी का मामला है, इसलिए इसकी जाँच CBI से कराई जाए।

उत्तर प्रदेश सरकार ने TMC के पूर्व राज्यसभा सांसद कंवर दीप सिंह के ख़िलाफ़ एक्शन लेते हुए उनकी अलकेमिस्ट इन्फ्रा रियलिटी, अलकेमिस्ट टाउनशिप समेत अन्य कंपनियों की सीबीआई से जाँच कराने की सिफारिश की है

टीएमसी के पूर्व सांसद केडी सिंह पर कानपुर के सैंकड़ो निवेशकों के करोड़ों रुपए हड़पने का आरोप है। उनके ख़िलाफ कानपुर थाना में पहले से FIR भी दर्ज है। इसमें उन पर 291 लोगों के रुपए ठगने का इल्जाम है। इसके अतिरिक्त पूरे देश भर में उन पर करीब ₹25,000 करोड़ की ठगी करने का आरोप है।

जानकारी के मुताबिक, टीएमसी नेता की कंपनियों और उनसे जुड़े निदेशकों के ख़िलाफ़ कानपुर के कोतवाली थाना में 5 सितंबर 2019 को FIR दर्ज करवाई गई थी।

इस एफआईआर को चकेरी निवासी पवन मिश्रा ने दर्ज करवाया था। इसमें पूर्व सांसद के अलावा उनकी कंपनी के निदेशक सचेत खेमका, जय श्रीप्रकाश सिंह, बृज मोहन, सतेंद्र कुमार सिंह, महाजन, नरेंद्र सिंह रानावत का नाम शामिल किया गया था।

इन सभी पर आरोप है कि इन लोगों ने 291 निवेशकों को पहले भारी फायदा का लालच दिया। फिर अन्य चीजों में रकम लगवाई और उन्हें हड़प लिया। अब इस मामले की पैरवी सुप्रीम कोर्ट में सहवादी एडवोकेट अजय टंडन कर रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि पूर्व सांसद की 11 कंपनियों ने निवेशकों को लुभावनी स्कीम दिखाकर अकेले कानपुर में 10 हजार से ज्यादा लोगों से करीब ₹1000 करोड़ रुपए की ठगी की। वहीं, देश भर में इनकी कंपनियों ने निवेशकों से करीब ₹25 हजार करोड़ की ठगी की।

अजय टंडन ने 9 दिसंबर 2019 में सीएम के शिकायत पोर्टल आईजीआरएस में इस मामले की सीबीआई से जाँच कराने की माँग की थी। इसके बाद सीएम आफिस ने गृह विभाग और डीजीपी मुख्यालय के जरिए कानपुर पुलिस से रिपोर्ट माँगी।

अब, कानपुर पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर मामले की जाँच सीबीआई को भेजी जा रही है। कानपुर पुलिस ने इसे विशेष अपराध बताते हुए कहा है कि देश भर में करीब 1 करोड़ लोगों से ₹25,000 करोड़ की ठगी का मामला है, इसलिए इसकी जाँच सीबीआई से कराई जाए।

यहाँ बता दें कि इस मामले में ईडी भी अपनी जाँच कर रहा है। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशायल ने 20 सितंबर 2019 को केडी सिंह के 7 ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें उन्हें 32 लाख की नगद और 1000 डॉलर की विदेशी मुद्रा भी मिली थी। कहा जा रहा है कि ठगी का यह पूरा नेटवर्क पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और पंजाब तक फैला हुआ है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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