उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। रूझानों में बीजेपी बहुमत के नंबर को पार कर चुकी है। खबर लिखे जाने तक चुनाव आयोग ने 397 सीटों के रूझान जारी किए थे। इनमें से 249 पर बीजेपी आगे थी। इस चुनाव में सबसे महत्वपूर्ण सीट गोरखपुर की है, जहाँ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। खबर लिखे जाने वे आगे चल रहे थे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल से उम्मीदवार हैं, करहल में तीसरे राउंड की गिनती के बाद वे 17000 वोटों से आगे चल रहे हैं।
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 312 सीटें मिली थी। इन चुनावों में जो सवाल सबसे ज्यादा पूछा गया वह यह है कि क्या बीजेपी फिर 300 सीटें पार करने में कामयाब रहेगी। इस बार ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी इस नंबर के पास पहुंचती नहीं दिखी थी। यदि अंतिम नतीजों में बीजेपी 300 के नंबर को पार करने में कामयाब रही तो यह नया रिकॉर्ड होगा।
कब-कब बना 300 प्लस का रिकार्ड
2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों में से 312 सीटें जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के अपने चुनावी इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें पाई थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा में 300 से ज्यादा सीटें लाने का करिश्मा इससे पहले भी हो चुका है। आजादी के बाद 1951 में हुए सबसे पहले विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने 413 सीटों में से 388 सीट पर जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। 25 जून 1975 में भारत में आपातकाल की घोषणा हुई थी, 21 मार्च 1977 को आपातकाल हटाया गया। आपातकाल के बाद 1977 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी ने 352 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। इस चुनाव में कॉन्ग्रेस की स्थिति बहुत खराब हो गई थी। साल 1980 में कॉन्ग्रेस फिर से मजबूत हुई और 309 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की
उत्तर प्रदेश की सत्ता में बीजेपी की वापसी सुनिश्चित होते ही राज्य की राजनीति से जुड़े कई मिथक भी टूट जाएँगे। बीते डेढ़ दशक में जो भी राज्य का मुख्यमंत्री बना है वह विधानसभा के बजाय विधान परिषद का सदस्य रहा है। पहले मायावती, फिर अखिलेश यादव और पिछली बार योगी आदित्यनाथ ने इसी परंपरा का निर्वाह किया था। इसी तरह माना जाता रहा है कि जो नेता मुख्यमंत्री रहते नोएडा जाता है उसकी कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती। सीएम योगी अपने कार्यकाल में करीब 40 बार नोएडा आए थे।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं। बहुमत का आँकड़ा 202 है। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीती थी। उसे 39.67% मत मिले थे। कॉन्ग्रेस और सपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। सपा को 21.82% वोट के साथ 47 तो कॉन्ग्रेस को 6.25% वोटों के साथ 7 सीटें मिली थी। 22.23% वोट हासिल करने के बावजूद बसपा 19 सीटों पर सिमट गई थी। अन्य के खाते में 5 सीटें गई थी। उससे पहले 2012 में सपा और 2007 के विधानसभा चुनावों में बसपा को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था।