उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने स्पष्ट विचारों और सीधी बात के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई बार विभिन्न मंचों से अपनी बात जनता के सामने रखी। इसी क्रम में द हिन्दू को दिए गए साक्षात्कार में भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने धर्म, देश-प्रदेश की राजनीति, राज्य में कानून व्यवस्था, Covid-19 और कई अन्य मुद्दों पर बात की। इसके साथ ही उन्होंने किसान आंदोलन और जनसंख्या नियंत्रण पर भी अपने विचार रखे।
भगवान पर भरोसा, अंधविश्वास में नहीं
पत्रकारों ने सीएम आदित्यनाथ से नोएडा और बिजनौर के विषय में प्रश्न किया जिसके बारे में कहा जाता रहा है कि उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री कभी भी इन जिलों का दौरा नहीं करता क्योंकि ऐसा करने से वह अगला चुनाव हार जाता है। सपा शासन के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव समेत कई अन्य मुख्यमंत्री भी कभी इन जिलों के दौरों पर नहीं गए। इसके बारे में सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि नोएडा और बिजनौर के बारे में कुछ भी कहा जाए, वह उनके कर्त्तव्य के रास्ते में नहीं आ सकता क्योंकि वह पूरे राज्य के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि वह भगवान पर भरोसा करते हैं और अपने धर्म एवं परम्पराओं का पालन करते हैं लेकिन उन्हें इस तरह के अंधविश्वास में कोई रुचि नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि वह अपने कर्मों के अनुसार ही परिणाम की प्राप्ति करना चाहते हैं।
सीएम आदित्यनाथ ने बताया कि मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के अंतर्गत विधायकों को किसी भी धार्मिक स्थान के सौंदर्यीकरण का सुझाव देने के लिए कहा गया है। इनके लिए सरकार फंड मुहैया कराएगी। हालाँकि अब सपा विधायक भी दरगाह या मस्जिद की जगह मंदिर का सुझाव दे रहे हैं, ऐसे में अधिकतर सुझाव मंदिरों के हैं।
कानून तोड़ने वाले को मिलेगी सजा
राज्य में कानून व्यवस्था और विपक्षी पार्टियों द्वारा ब्राह्मण-विरोधी कार्रवाई करने के आरोप के बारे में सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने कभी भी जाति, वर्ण अथवा समुदाय देखकर कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि जिसने भी राज्य में कानून तोड़ने की कोशिश की उसके खिलाफ कार्रवाई की गई और सपा-बसपा को समाजिक सौहार्द्र के बारे में बात करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनका इतिहास ही सामाजिक द्वेष फैलाने का रहा है। सीएम आदित्यनाथ ने ब्राह्मणों को लेकर चल रही राजनीति पर कहा कि विपक्षी पार्टियाँ अपनी खिसकती राजनीतिक जमीन बचाने के लिए यह सब कर रही हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के विषय में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में NSA का उपयोग समुदाय देखकर नहीं हुआ बल्कि राज्य में कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए जहाँ जरूरी समझा गया वहाँ जाँच करने के बाद ही NSA के अंतर्गत कार्रवाई की गई। सीएम आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि राज्य में अशांति फैलाने के लिए दंगों की साजिश की गई जिसके कारण राज्य सरकार दंगाईयों की संपत्ति को जब्त करने का कानून लेकर आई क्योंकि किसी को भी सार्वजानिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का कोई अधिकार नहीं है।
Covid-19, किसान आंदोलन और जनसंख्या नियंत्रण कानून
सीएम आदित्यनाथ ने Covid-19 महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि महामारी की पहली लहर के दौरान भी दूसरे राज्यों में फँसे छात्रों और मजदूरों के लिए व्यवस्था की गई थी। हालाँकि इस दौरान भी कई नेताओं के द्वारा अशांति फैलाने का प्रयास किया गया था। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर के दौरान भी गंगा के किनारे दफनाई गई लाशों और पानी में तैरते शवों के आधार पर राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया लेकिन यह पहले से होता आया है। कई समुदायों में गंगा किनारे लाशों को दफनाने और पानी में शवों को प्रवाहित करने की प्रथा रही। हालाँकि सरकार ने इसके विषय में प्रयास किया है और लोगों को जागरुक किया।
सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान जब स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ गया तब भी राज्य सरकार ने महामारी को नियंत्रित करने के लिए ऑक्सीजन और अन्य दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए अपने प्रयास में कोई कमी नहीं रखी। गाँवों में लगातार जाँच की गई और यही कारण है कि आज भी यूपी सर्वाधिक टेस्ट कर रहा है और न्यूनतम संक्रमण दर देखने को मिल रही है।
केंद्रीय कृषि सुधार कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलनों के बारे में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने किसानों के लिए लगातार योजनाएँ चलाई हैं जिनसे किसानों को लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रहा किसान आंदोलन राजनैतिक है और यूपी के आम लोग और किसान इस आंदोलन का कभी समर्थन नहीं करेंगे।
सीएम आदित्यनाथ ने जनसंख्या नियंत्रण पर बात करते हुए कहा कि यह आज की जरूरत है और जनसंख्या नियंत्रण बिल सार्वजनिक कर दिया गया है जिस पर लोगों के सुझाव आमंत्रित हैं।