उत्तर प्रदेश में कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार (जून 29, 2020) की रात हजरतगंज थाने के सामने जा कर जम कर हंगामा किया। दरअसल, ये कॉन्ग्रेसी यूपी कॉन्ग्रेस के अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष शाहनवाज आलम को गिरफ्तारी से भड़के हुए थे।
शाहनवाज आलम को रात में गिरफ्तार किया गया। इससे कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने थाने का घेराव कर के बवाल काटना शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा लाख समझाने के बावजूद वो हंगामे पर उतारू रहे, जिसके बाद अंत में यूपी पुलिस को लाठियाँ चटका कर उन्हें खदेड़ना पड़ा।
बता दें कि यूपी कॉन्ग्रेस के माइनॉरिटी सेल के अध्यक्ष शाहनवाज आलम को सोमवार की रात 8 बजे तब गिरफ्तार किया गया, जब वो कॉन्ग्रेस मुख्यालय से अपने घर पहुँचे ही थे।
हज़रतगंज पुलिस ने दिसंबर 19, 2019 को लखनऊ में सीएए के विरोध में हुई हिंसा और आगजनी के मामले में शाहनवाज आलम को गिरफ्तार किया है। उन पर हिंसा में लिप्त होने और लोगों को भड़काने का आरोप है। डीसीपी सेंट्रल दिनेश सिंह ने शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
पुलिस ने कहा है कि दिसम्बर 2019 में सीएए विरोधी हिंसा के बाद से ही वो रडार पर था लेकिन उसके ख़िलाफ़ सबूत नहीं मिल रहे थे। जब-जब पुलिस को साक्ष्य मिले हैं, उसे धर-दबोच गया है। शाहनवाज से हजरतगंज के एसपी के नेतृत्व में पुलिस टीम पूछताछ में लगी है।
कॉन्ग्रेस का कहना है कि ये गिरफ्तारी का सही तरीका नहीं है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बदले की राजनीति पर उतर आई है। इसीलिए शाहनवाज आलम की गिरफ्तारी के 1 घण्टे बाद से ही उबले कॉन्ग्रेसियों ने बवाल काटना शुरू कर दिया।
बाद में पुलिस की लाठी खा कर वो तितर-बितर हुए। उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सीएलपी नेता आराधन मिश्रा सहित कॉन्ग्रेस के कई नेतागण हज़रतगंज कोतवाली आया धमके। वहाँ पुलिस और इन कॉन्ग्रेस नेताओं के बीच काफी देर तक जोरदार बहस चलती रही।
हंगामे पर उतारू कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पहले समझाया, लेकिन जब वे नहीं माने तब नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा। कोतवाली परिसर को खाली कराने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
DCP central Dinesh Singh confirmed that Shahanwaz was arrested for involvement in the anti-CAA protest which took place on December 19, 2019 in Lucknow.
— IndiaToday (@IndiaToday) June 30, 2020
(Report: @neelanshu512) https://t.co/Qk161gdQRR
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश कॉन्ग्रेस ने एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया है। इस वीडियो क्लिप में यूपी के पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में दिख रहे हैं। पुलिस शाहनवाज आलम को बोलेरो गाड़ी से थाने ले जाती हुई दिख रही है।
आलम को कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा का करीबी नेता माना जाता है। यूपी में उसे प्रियंका गाँधी की कोर टीम का हिस्सा माना जाता है। ऐसे में उसे बचाने के लिए कॉन्ग्रेस नेताओं का सड़क पर आना लाजिमी है।
कॉन्ग्रेस पार्टी शाहनवाज के मुस्लिम होने के कारण इसे ‘मुस्लिमों पर अत्याचार’ को मुद्दा बना कर उछाल रही है। हालाँकि, सीएए विरोधी दंगों को लेकर सरकार सख्त है और कड़ी कार्रवाई कर रही है।
प्रियंका गाँधी ने विरोध जताते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जनता के मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार यूपी पुलिस को दमन का औज़ार बनाकर दूसरी पार्टियों को आवाज उठाने से रोक सकती है, हमारी पार्टी को नहीं।
… में उठाया। पहले फर्जी आरोपों को लेकर हमारे प्रदेश अध्यक्ष को चार हफ़्तों के लिए जेल में रखा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 30, 2020
ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है।
कांग्रेस के सिपाही पुलिस की लाठियों और फर्जी मुकदमों से नहीं डरने वाले।.. 2/2
प्रियंका गाँधी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि देखिए किस तरह यूपी पुलिस ने हमारे अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष को रात के अंधेरे में उठाया गया। उनका आरोप है कि फर्जी आरोपों को लेकर कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को भी को चार हफ़्तों के लिए जेल में रखा गया था। प्रियंका गाँधी ने आरोप लगाया कि ये पुलिसिया कार्रवाई दमनकारी और आलोकतांत्रिक है। हालाँकि, पुलिस ने कहा कि वो तय प्रक्रिया के तहत कार्रवाई कर रही है।