उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बुधवार को हुई बैठक में ‘उत्तर प्रदेश लोकस्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020’ कैबिनेट से पास हो गया है। इसके मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों, सभी पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिस कर्मियों और सफाईकर्मियों के साथ ही शासन की तरफ़ से तैनात किसी भी कोरोना योद्धा से की गई अभद्रता या हमले पर 6 माह से लेकर 7 साल तक की सजा होगी। 50 हजार से 5 लाख रुपए तक जुर्माना भी देना पड़ेगा।
इस कानून के तहत उन लोगों पर भी कार्रवाई होगी जो कोरोना के समय में चिकित्सकों, सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों पर थूकते हैं और अपनी हरकतों से प्रशासन की नाक में दम कर देते हैं। इस कानून के तहत कोरोना वारियर्स के खिलाफ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी कार्रवाई हो सकती है। ऐसा करते पकड़े जाए जाने पर 2 वर्ष से 5 वर्ष तक की सजा का और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माने का प्रवधान है।
बता दें आज बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में कोरोना वारियर्स के लिए इस अध्यादेश को मंजूरी मिली। उत्तर प्रदेश महामारी कानून 2005 के अंतर्गत लाए गए इस अध्यादेश को उत्तर प्रदेश महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020 का नाम दिया गया। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर महामारी नियंत्रण प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया गया है। जहाँ राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में जिलाधिकारी प्राधिकरण के अध्यक्ष होंगे।
नए अध्यादेश के अनुसार मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित 7 अन्य अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरा 3 सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा। राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
कोरोना महामारी को देखते हुए क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर या अस्पताल से भागने पर 1-3 साल की सजा और जुर्माना 10 हजार से 1 लाख तक का होगा। ऐसे ही अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर्स में अश्लील एवं अभद्र आचरण करने पर 1 से 3 साल की सजा और 50 हजार से 1 लाख तक का जुर्माना होगा। बता दें कि इस कानून में लॉकडाउन तोड़ने और इस बीमारी को फैलाने वालों के लिए भी कठोर सजा का प्रावधान है।
खबरों के अनुसार, अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित होने के बावजूद अपनी जानकारी छिपाएगा तो उसपर भी कार्रवाई होगी। इसके लिए 50 हजार से लेकर 1 लाख तक का जुर्माना लगेगा। वहीं अगर मरीज जान-बूझकर सार्वजनिक परिवहन से यात्रा आदि करता है तो उसके लिए 1 से 3 साल की सजा और 50 हजार से 2 लाख कर जुर्माना देना पड़ सकता है।
बता दें, बीते दिनों कोरोना वॉरियर्स पर लगातार जानलेवा हमले होते देखा सीएम योगी ने कहा था कोरोना महामारी के खिलाफ जारी जंग में एक तरफ स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षाबल, अन्य सरकारी कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के कर्मी लगातार प्रयासरत हैं। वहीं, दूसरी तरह, कुछ लोग कोरोना वाहक बनकर मेडिकल स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने इन घटनाओं को गंभीर अपराध बताते हुए कहा था कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने महामारी अधिनियम-1897 में प्रमुख संशोधन करने का निर्णय लिया है।