मोदी सरकार ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस ले लिया है। लेकिन केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के एक बयान ने इस बात को लेकर चर्चा को फिर से छेड़ दिया है कि क्या केंद्र सरकार फिर से कृषि सुधार पर नए कानून ला सकती है? उन्होंने कहा है कि कृषि कानूनों को वापस लेकर हम एक कदम पीछे हटे हैं, लेकिन हम फिर से आगे बढ़ेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय कृषि मंत्री नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उसी दौरान उन्होंने ये बयान दिया। उन्होंने कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के मुद्दे पर बात करते हुए इसे 70 साल में लाया गया सबसे बड़ा कृषि रिफॉर्म करार दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे कुछ लोगों के दबाव के कारण वापस लेना पड़ा। हम एक कदम पीछे जरूर हटे हैं, लेकिन हम निराश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे, किसान भारत की रीढ़ की हड्डी हैं।
हालाँकि, केंद्रीय कृषि मंत्री के बयान के बाद अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी सरकार को फिर से आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दे डाली है। उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल तीन कृषि कानून ही रद्द किए हैं, बाकी कि माँगे अभी भी नहीं मानी। टिकैत ने कहा कि एमएसपी पर कानून नहीं बना है। इसके लिए कमेटी बनाने की जो कवायद चल रही है, उसके मामले में सरकार की स्पीड बहुत ही धीमी है। अगर यही चला तो आंदोलन फिर से शुरू होगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर 2021 को देश को संबोधित करते हुए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार देश के हित में, किसानों के हित में, कृषि के हित में, किसानों के प्रति पूर्ण समर्पण भाव से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात, पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।