Friday, April 26, 2024
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ममता को नाराज नहीं, सिद्दीकी के साथ नहीं… बंगाल चुनाव से इसलिए गायब हैं कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ से लेकर ‘युवा’ नेता

कॉन्ग्रेस आलाकमान तो छोड़िए, अधीर रंजन चौधरी ने भी सिद्दीकी के साथ मंच साझा करने से इनकार कर दिया। ममता पर हमला सिर्फ राज्य कॉन्ग्रेस के नेता कर रहे हैं, जबकि 'युवा' नेता और उनकी बहन अभी तक...

पश्चिम बंगाल में सत्ता पाने के लिए जहाँ टीएमसी और बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, वहीं दूसरी ओर अब तक कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य में चुनाव प्रचार तक में नजर नहीं आए हैं। सीएनएन न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कॉन्ग्रेस का कोई भी वरिष्ठ नेता राज्य में चुनाव प्रचार नहीं करना चाहता है। यही कारण है कि पश्चिम बंगाल में आठ में से दो चरणों का चुनाव संपन्न हो चुका है, लेकिन इस दौरान वहाँ कोई भी वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार करता दिखाई नहीं दिया।

बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी टीएमसी को राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी का मुकाबला करने के लिए एक सहयोगी के रूप में देख रही है। यही कारण है कि वह राज्य में अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमस पार्टी को परेशान नहीं करना चाहती है। भले ही कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सीएम और टीएमसी के खिलाफ बोलते रहे हैं, लेकिन पार्टी में अन्य लोग ममता बनर्जी और टीएमसी के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने से बचते हैं।

कॉग्रेस के सीएम के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं, इसलिए वे उन पर सीधा हमला करने से बच रहे हैं। भले ही पार्टी ने बंगाल में वाम मोर्चे के साथ गठबंधन करके ममता बनर्जी को काफी हद तक परेशान किया है, लेकिन कॉन्ग्रेस आलाकमान टीएमसी के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चलाकर उन्हें परेशान नहीं करना चाहती है।

यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता फुरफुरा शरीफ के मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व में नवगठित भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा के साथ भी नहीं दिखना चाहते हैं, जो बंगाल में पार्टी के सहयोगी हैं। अब्बास सिद्दीकी के मुताबिक, ”यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि कॉन्ग्रेस पार्टी अब तक राज्य में चुनाव प्रचार में गायब है।”

खबरों के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी ने भी सिद्दीकी के साथ मंच साझा करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि वह इस्लामिक पार्टी से खुश नहीं हैं। वहीं जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में जिस तरह से बीजेपी ममता बनर्जी पर हमलावर है, उसकी वजह से टीएमसी के सामने मुश्किलें हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि ममता बनर्जी अब तक अपनी जिंदगी का सबसे कठिन चुनाव लड़ रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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